SCO Meeting 2025 : भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में एक साहसिक कदम उठाते हुए उस घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया जिसमें आतंकवाद शब्द का उल्लेख ही नहीं किया गया था।
सूत्रों के मुताबिक, SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद जो घोषणा पत्र जारी होना था, उसमें आतंकवाद शब्द को कमजोर करने की कोशिश की गई थी। इससे(SCO Meeting 2025) भारत की आतंकवाद के खिलाफ कड़ी नीति को ठेस पहुंचती। इसी कारण राजनाथ सिंह ने दस्तखत करने से इनकार कर दिया।
सीमापार आतंकवाद को बताया नीतिगत साधन
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में स्पष्ट कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देने के लिए सीमापार आतंकवाद को ‘नीतिगत साधन’ के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौतियां हैं, जो शांति, सुरक्षा और विश्वास को कमजोर करती हैं।
पहलगाम हमले का जिक्र, लश्कर-ए-तैयबा पर सीधा निशाना
राजनाथ सिंह ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि हमले की शैली भारत में लश्कर-ए-तैयबा के पुराने हमलों से मिलती-जुलती है। उन्होंने दोहराया कि भारत अब आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपना चुका है।
दोहरे मानदंडों की आलोचना, निर्णायक कार्रवाई की वकालत
रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद से निपटने में दोहरे मानदंड के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि SCO को ऐसे देशों की आलोचना करने से हिचकना नहीं चाहिए जो आतंकवाद के खिलाफ दोहरी नीति अपनाते हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि शांति और समृद्धि तब तक संभव नहीं जब तक आतंकवाद को निर्णायक रूप से समाप्त न किया जाए। उन्होंने जोर दिया कि सभी सदस्य देशों को मिलकर इस वैश्विक खतरे के खिलाफ एकजुट होना होगा।