Rajasthan Teachers Dress Code: महाराष्ट्र और असम की तर्ज पर अब राजस्थान सरकार भी स्कूल शिक्षकों के लिए यूनिफॉर्म ड्रेस कोड लागू करने की योजना बना रही है। (Rajasthan Teachers Dress Code) शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य की भाजपा सरकार इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है।
शिक्षकों के पहनावे पर सरकार की दलील
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि शिक्षकों के पहनावे का सीधा असर छात्रों के मानसिक विकास और सांस्कृतिक मूल्यों पर पड़ता है। इसलिए, शिक्षकों के लिए एक समान ड्रेस कोड लागू करने की योजना बनाई जा रही है ताकि वे कक्षाओं में अनुशासित और उपयुक्त परिधान में आएं।
शिक्षा मंत्री के बयान पर विवाद
इस घोषणा से पहले शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था,
“कई शिक्षक ऐसे कपड़े पहनते हैं जिससे उनके शरीर का प्रदर्शन होता है, जो लड़के-लड़कियों पर गलत प्रभाव डालता है।”
इस बयान पर राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विपिन प्रकाश ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे महिला शिक्षकों के प्रति अपमानजनक बताते हुए कहा कि मंत्री को शिक्षकों की ड्रेस पर ध्यान देने के बजाय शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने पर ध्यान देना चाहिए।
शिक्षकों के अनुशासन पर सख्त टिप्पणी
अक्टूबर 2024 में नृसिंहपुरी गांव में एक संस्कृत स्कूल के उद्घाटन के दौरान शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों के अनुशासन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि:
- कई शिक्षक शराब पीकर स्कूल आते हैं, जिससे छात्रों पर गलत प्रभाव पड़ता है।
- कुछ शिक्षक गुटखा चबाते हैं, देर से आते हैं और मोबाइल फोन का अधिक उपयोग करते हैं, जिससे शिक्षा पर नकारात्मक असर पड़ता है।
- स्कूलों में अनुशासन बनाए रखने के लिए कक्षाओं में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
ड्रेस कोड जल्द हो सकता है लागू
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस प्रस्ताव पर नवंबर 2024 में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ बैठक हुई थी। मुख्यमंत्री ने सरकारी और निजी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए स्कूलों से राय ली जा रही है और एक सर्वेक्षण किया जा रहा है।
अगर यह नीति लागू होती है, तो राजस्थान, महाराष्ट्र और असम के बाद यह नियम लागू करने वाला भारत का तीसरा राज्य होगा।
अन्य राज्यों में पहले से लागू है ड्रेस कोड
- असम और महाराष्ट्र में महिला शिक्षकों के लिए साड़ी या सलवार-कुर्ता और पुरुष शिक्षकों के लिए शर्ट-पैंट पहनने का नियम लागू है।
- राजस्थान सरकार भी इसी मॉडल को अपनाने पर विचार कर रही है।
सरकार का तर्क – शिक्षकों का पहनावा अनुशासन से जुड़ा
शिक्षा विभाग का मानना है कि हर पेशे की अपनी संस्कृति होती है और स्कूलों में अनुशासन बनाए रखने के लिए शिक्षकों के पहनावे पर ध्यान देना जरूरी है।
- यदि शिक्षक जींस-टीशर्ट या अन्य कैजुअल कपड़े पहनकर आते हैं, तो यह छात्रों पर गलत प्रभाव डाल सकता है।
- महिला शिक्षकों का आचरण और पहनावा बच्चों को नैतिक मूल्यों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाता है।
- सरकार असम और महाराष्ट्र के अनुभवों से सीख लेकर इस नीति को लागू करने की तैयारी में है।
ड्रेस कोड के अलावा अन्य सख्ती भी होगी
एक अधिकारी के अनुसार, सरकार स्कूलों में शिक्षकों की गतिविधियों की निगरानी बढ़ाने के लिए सख्त कदम उठा रही है।
- ड्रेस कोड के अलावा, कक्षाओं में मोबाइल फोन के उपयोग और धार्मिक प्रार्थनाओं जैसी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा।
- शिक्षकों के अनुशासन और स्कूलों के माहौल को बेहतर बनाने के लिए कड़े नियम लागू किए जाएंगे।
2017 में भी आया था प्रस्ताव, लेकिन नहीं हुआ लागू
यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड की चर्चा हो रही है।
- 2017 में वसुंधरा राजे सरकार के दौरान भी शिक्षकों, प्रिंसिपलों और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए यूनिफॉर्म ड्रेस कोड लागू करने की योजना बनाई गई थी।
- हालांकि, तब यह योजना लागू नहीं हो पाई थी।
अब देखना यह होगा कि राजस्थान सरकार इस बार इस प्रस्ताव को कितना प्रभावी रूप से लागू कर पाती है।