कनिष्ठ लिपिक परीक्षा में नकल कैसे हुई, SOG की गुप्त रिपोर्ट ने खोले ऐसे रहस्य जिन्हें सुन दंग रह जाएंगे

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Rajasthan News: राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में नकल-रोधी अभियान के तहत SOG की कार्रवाई जारी है। इस कड़ी में टीम ने हाईकोर्ट, जोधपुर द्वारा आयोजित कनिष्ठ लिपिक (ग्रेड-सेकेंड) भर्ती परीक्षा (12 व 19 मार्च 2023) में ब्लूटूथ डिवाइस व स्पाई-कैमरा उपयोग कर नकल (Rajasthan News)कराने वाले 4 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है। मामले में अब तक गैंग के सरगना समेत कुल 20 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है।

कैसे होती थी हाई-टेक नकल?

SOG के अनुसार गिरोह के सरगना ने स्पेन से ₹90,000 देकर स्पाई-कैमरा मंगवाया था। गैंग के कुछ सदस्य परीक्षा केंद्रों में अभ्यर्थी बनकर बैठते और स्पाई-कैमरे से प्रश्न पत्र की स्क्रीनशॉट लेकर सरगना को भेज देते। फिर सरगना प्रश्न पत्र प्रिंट कर अपनी solver/expert टीम को देता था, जो तुरंत प्रश्न हल कर उत्तर भेजती थी। इसके बाद ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए वास्तविक अभ्यर्थियों को सही उत्तर पढ़वाए जाते थे।

किसने, कितने में नकल करवाई 

SOG के ADG बंसल ने बताया कि गिरोह के सरगना पौरव कालेर ने नीचे उल्लेखित आरोपियों से अलग-अलग रकम लेकर नकल करवाने का सौदा किया था:

  • दिनेश कुमार (रुखासर, चूरू) — ₹3,00,000
  • मनोज कुमार बोरान (श्यामपुरा-पूर्वी, सीकर) — ₹4,00,000
  • रमेश कुमार (रेबारी बास, चूरू) — ₹5,00,000
  • मनीष बुडिया (छापरी खुर्द, नागौर) — ₹3,00,000

जांच में यह भी सामने आया कि इसी गिरोह ने अन्य भर्ती परीक्षाओं (EO-RO आदि) में भी पेपर लीक और रियल-टाइम नकल करवाई। पहले पौरव कालेर और उसके सहयोगी तुलसाराम कालेर के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर पौरव को गिरफ़्तार किया जा चुका है।

SOG की विस्तृत जांच और अब तक की गिरफ्तारी

SOG ने बताया कि प्रारंभिक पड़ताल में गैंग लंबे समय से भर्ती परीक्षाओं में हैकिंग-स्तरीय तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा था और अभ्यर्थियों से लाखों रुपये वसूल कर रहा था। अब तक गैंग के सरगना समेत कुल 20 व्यक्तियों की गिरफ़्तारी की जा चुकी है और जांच जारी है।

जांच में पता चला कि जैसे ही परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र सामने आते, गैंग के सदस्य उन्हें तुरंत अपने नियत स्थान पर पहुंचाकर प्रिंट करके अपनी सॉल्वर टीम को देते। सॉल्वर टीम प्रश्न हल कर पौरव को भेजती और पौरव मोबाइल/ब्लूटूथ डिवाइस के जरिये अभ्यर्थियों को उत्तर दिलवाता। इस तरह अभ्यर्थी परीक्षा में उच्च अंक पाते थे।

 

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