NCERT textbooks alcohol:राजस्थान के सरकारी स्कूलों में NCERT की पाठ्य पुस्तकों में ऐसे पाठ शामिल हैं, जिनमें(NCERT textbooks alcohol) शराब, ताश और मांस जैसी चीजों का जिक्र है। कक्षा 8 और 11 के बच्चों को ऐसे चैप्टर पढ़ाए जा रहे हैं, जिनमें विदेशी लेखकों ने त्योहारों और परिवारों के बीच शराब पीने और सिगरेट जलाने को सामान्य बताया है। क्या यह बच्चों के नैतिक मूल्यों को प्रभावित कर रहा है?
शराब और मांस पर आधारित ‘क्रिसमस’ – कक्षा 8 के चैप्टर ने खड़े किए सवाल
कक्षा 8 की किताब ‘हनीड्यू’ के पहले चैप्टर ‘The Best Christmas Present in the World’ में क्रिसमस के दिन शराब (श्नैप्स) और मसालेदार गोश्त का ज़िक्र करते हुए लिखा गया है, “It is Christmas Day, Tommy. We have schnapps. We have sausage.” यह पाठ स्कूलों में पढ़ाए जाने पर कुछ टीचर्स और अभिभावक असहज हो रहे हैं, क्योंकि बच्चों के दिमाग में त्योहारों का गलत अर्थ बिठाया जा रहा है।
11वीं के चैप्टर में धूम्रपान और बियर – नैतिक शिक्षा या अनुचित संदेश?
कक्षा 11 की किताब ‘स्नैपशॉट्स’ में ‘मदर्स डे’ चैप्टर के अंदर मिसेज पियरसन को सिगरेट पीते हुए और डार्क बियर (स्टाउट) पीते हुए दिखाया गया है। इसमें लिखा गया है, “Mrs Pearson smokes away and lights another cigarette…” और एक जगह लिखा है, “What are you drinking stout for?” इसका जवाब मिसेज पियरसन देती हैं, “Because it gives me respect.” ऐसे संवाद क्या बच्चों में शराब पीने और सिगरेट पीने को सम्मान का प्रतीक बना रहे हैं?
क्या शिक्षा में सुधार की जरूरत है?
शिक्षक इस बात से चिंतित हैं कि वे इन चैप्टर्स को बच्चों को किस तरह समझाएं। कुछ टीचर्स इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर केवल सारांश बताने में जुटे हैं, ताकि बच्चों पर इसका गलत असर न पड़े। अभिभावक भी इस बात से परेशान हैं कि बच्चों को किस दिशा में शिक्षा दी जा रही है।
क्या इस तरह की शिक्षा से बिगड़ रहे हैं संस्कार?
राज्यभर में यह मांग जोर पकड़ रही है कि इन पाठों की समीक्षा की जाए और बच्चों के पाठ्यक्रम में नैतिक मूल्यों को फिर से स्थापित किया जाए। क्या यह वह शिक्षा है, जिससे हमारा भविष्य संवर सकता है?