Bhajanlal Sharma: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विकास के साथ विरासत का संरक्षण सरकार का मुख्य ध्येय है और राज्य सरकार धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। (Bhajanlal Sharma)मुख्यमंत्री आवास पर प्रदेश के विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने यह बात कही।
राजस्थान में सांस्कृतिक पर्यटन की अपार संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आस्था स्थलों का संरक्षण करके पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा दिया जा सकता है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के विभिन्न मंदिरों के जीर्णोद्धार और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य किया जा रहा है।
विद्यार्थियों को प्रसिद्ध स्मारकों की यात्राएं करवाई जाएं
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि युवा पीढ़ी को राजस्थान की गौरवशाली ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत से परिचित कराना आवश्यक है। इसके लिए स्कूली विद्यार्थियों को प्रसिद्ध स्मारकों एवं ऐतिहासिक स्थलों की नियमित यात्राएं करवाई जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि ब्रज चौरासी सर्किट को भक्ति पर्यटन के रूप में विकसित करने की योजना संकल्प पत्र में शामिल की गई थी, जिसके तहत परिक्रमा मार्ग पर पर्यटन सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
तनोट माता मंदिर में विकास कार्य होंगे तेज
मुख्यमंत्री ने तनोट माता मंदिर में विकास कार्यों को गति देने के निर्देश दिए। इसके अलावा, परिक्रमा मार्ग, पूंछरी का लौठा और डीग के विकास कार्यों को भी शीघ्र पूरा करने पर जोर दिया। उन्होंने श्री गोकुल जाट पैनोरमा, राजा खेमकरण पैनोरमा, देव बाबा पैनोरमा और गोविंद स्वामी पैनोरमा के निर्माण कार्यों को जल्द शुरू करने का निर्देश दिया। साथ ही, जैसलमेर स्थित तनोट माता मंदिर में श्रद्धालुओं के ठहरने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
जयपुर में सांभर लेक को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के पास स्थित सांभर लेक क्षेत्र भी गुजरात के रण क्षेत्र की तरह एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि गिरदुवाला, ग्राम कुलधरा और लोंगेवाला को जैसलमेर और तनोट से बेहतर संपर्क प्रदान किया जाए और वहां पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाओं का विकास किया जाए।
अन्य राज्यों में स्थित मंदिरों के जीर्णोद्धार का निर्णय
मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि हाल ही में प्रयागराज में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में, राजस्थान के बाहर स्थित मंदिरों के जीर्णोद्धार का निर्णय लिया गया था। उन्होंने देवस्थान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे मंदिरों का सर्वेक्षण कर उनकी वास्तविक संख्या सूचीबद्ध की जाए ताकि उनके संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।