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Rajasthan By-Election 2024: परिवार, प्रतिष्ठा और वोट बैंक का संग्राम! झुंझुनूं – खींवसर में किसकी होगी जीत, कौन बनाएगा सत्ता पर पकड़?

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Rajasthan By-Election 2024

Rajasthan By-Election 2024: 2024 का विधानसभा चुनाव भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां देश के विभिन्न हिस्सों में कई राज्यों में सत्ता की हलचल तेज़ हो गई है। (Rajasthan By-Election 2024) महाराष्ट्र-झारखंड के साथ-साथ राजस्थान में भी इस चुनावी महासमर के दौरान खास ध्यान इनकी सात विधानसभा सीटों पर उपचुनावों का होगा। इन सीटों में झुंझुनूं और खींवसर जैसे क्षेत्रों के परिणामों पर खास नज़र रखी जा रही है, क्योंकि यहां केवल राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा ही दांव पर नहीं लगी है, बल्कि दो प्रमुख सांसदों—नागौर के हनुमान बेनीवाल और झुंझुनूं के बृजेंद्र सिंह ओला—के परिवारों की पारिवारिक साख भी इस चुनावी संघर्ष में नज़र आ रही है।

इन चुनावों के परिणाम से न केवल राजस्थान के राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव की संभावना है, बल्कि यह परिणाम देशभर में सत्ताधारी दलों और विपक्षी दलों के बीच की रणनीतिक स्थिति को भी प्रभावित करेंगे। हर एक सीट पर जीत-हार की राजनीति के साथ-साथ इन परिवारों के बीच के रिश्ते, पारिवारिक राजनीतिक वर्चस्व और क्षेत्रीय प्रभाव की भी कसौटी होगी।

राजस्थान उपचुनाव 2024 में परिवार की विरासत दांव पर

राजस्थान में 2024 के उपचुनावों में परिवार की राजनीतिक विरासत को संभालने के प्रयास देखे जा रहे हैं। नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल और झुंझुनूं के सांसद बृजेंद्र सिंह ओला, दोनों ही अपनी ‘विधायकी’ को परिवार में बरकरार रखना चाहते हैं। हनुमान बेनीवाल ने अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को खींवसर सीट से आरएलपी (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी) के टिकट पर चुनाव में उतारा है, जबकि बृजेंद्र सिंह ओला ने अपने बेटे अमित ओला को झुंझुनूं से कांग्रेस के टिकट पर खड़ा किया है।

झुंझुनूं उपचुनाव 2024: त्रिकोणीय मुकाबले में ‘वोट कटवा’ का फैक्टर

झुंझुनूं में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय है, जहां कांग्रेस के प्रत्याशी अमित ओला के सामने भाजपा के उम्मीदवार राजेंद्र भांबू और आजाद समाज पार्टी से आमीन मणियार मैदान में हैं। इस सीट पर पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और आमीन मणियार को ‘वोट कटवा’ माना जा रहा है, जो कांग्रेस के प्रत्याशी अमित ओला के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं। इसके अलावा, दो अन्य उम्मीदवारों के नाम भी अमित होने के कारण मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति बन सकती है, जिससे अमित ओला को चुनौती मिल सकती है। वहीं, भाजपा को आंतरिक विरोध का डर सता रहा है, जो भितरघात की आशंका को बढ़ा रहा है।

खींवसर में हनुमान बेनीवाल की प्रतिष्ठा की लड़ाई

नागौर जिले की खींवसर सीट पर आरएलपी के हनुमान बेनीवाल ने अपनी पार्टी का दबदबा बनाए रखने के लिए अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को मैदान में उतारा है। इस सीट पर भाजपा के रेवंत राम डांगा और कांग्रेस के डॉ. रतन चौधरी से उनका कड़ा मुकाबला है। 2019 में अपने भाई नारायण बेनीवाल के जीत के बाद अब हनुमान बेनीवाल अपनी पत्नी को इस सीट से जीत दिलाने के लिए जोर लगा रहे हैं। वह चुनाव प्रचार में गहरी रात तक जुटे हुए हैं और लोगों से व्यक्तिगत मुलाकात कर समर्थन मांग रहे हैं, जिसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं।

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