गुरुवार अहले सुबह की घटना
यह घटना गुरुवार की सुबह करीब सवा चार बजे हुई, जब प्रताप सिंह पुरा निवासी महेश सैनी लुधियाना से अपने रिश्तेदारों के साथ अपने गांव लौट रहे थे। रास्ते में नीमराना थाना पुलिस ने उनकी गाड़ी को रोका और बिना किसी पूछताछ के दुर्व्यवहार शुरू कर दिया।
नीमराना थाना पुलिस पर गंभीर आरोप
इस घटना के बाद नीमराना थाना पुलिस पर रात्रि गश्त के दौरान आम नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार, मारपीट और अवैध वसूली जैसे गंभीर आरोप लग रहे हैं। पुलिस की इस हरकत ने कानून और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिसकर्मी का अभद्र बयान
सिविल ड्रेस में तैनात पुलिसकर्मियों की टीम, जिसमें संदीप सिंह और दो अन्य शामिल थे, ने महेश सैनी से बदतमीजी की। गाड़ी में बैठी उनकी महिला रिश्तेदार की ओर इशारा करते हुए पुलिसकर्मियों ने बेहद अभद्र भाषा का प्रयोग किया और कहा, “छमिया को कहां से ले जा रहे हो।”
50-60 थप्पड़ों की बर्बरता
महेश सैनी ने जब पुलिस के इस अभद्र व्यवहार का विरोध किया, तो पुलिस उसे जबरन थाने ले गई। वहां तीनों पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से उसकी पिटाई की। पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि पुलिस ने उसे 50-60 थप्पड़ मारे, जिससे उसके कानों के पर्दों में सूजन आ गई।
रिश्वत की मांग और गिरफ्तारी
पुलिसकर्मियों ने महेश को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और उसे छोड़ने के बदले 10,000 रुपये की रिश्वत मांगी। जब महेश के रिश्तेदार थाने पहुंचे, तो पुलिस ने उनके साथ भी बदसलूकी की और कहा कि युवक को सुबह जमानत के बाद ही छोड़ा जाएगा।
चिकित्सा जांच में खुलासा
सुबह जमानत मिलने के बाद महेश को बहरोड़ के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां ईएनटी डॉक्टर ने बताया कि पुलिस की पिटाई से उसके दोनों कानों के पर्दों में सूजन आ गई है, जिससे उसे सुनने में दिक्कत हो रही है।
मामले की जांच डीएसपी के सुपुर्द
नीमराना के डीएसपी सचिन शर्मा ने कहा कि यह मामला एसपी के माध्यम से उनके पास आया है। पीड़ित की शिकायत पर जांच शुरू हो चुकी है। डीएसपी ने आश्वासन दिया कि यदि पुलिसकर्मियों की गलती साबित होती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।