न पंचायत, न चुनावी हलचल! राजस्थान में लोकतंत्र की नई कहानी लिख रहा है परिसीमन का पन्ना!

Rajasthan Panchayat Elections: राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट में दायर अतिरिक्त शपथपत्र (एडिशनल एफिडेविट) के माध्यम से बताया है कि राज्य की 6,759 ग्राम पंचायतों में जून से पहले चुनाव कराना संभव नहीं है। इसका कारण वर्तमान में चल रही (Rajasthan Panchayat Elections) पंचायतों और नगरपालिकाओं के पुनर्गठन और परिसीमन की प्रक्रिया है। जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक चुनाव की घोषणा नहीं की जाएगी।

पुनर्गठन और परिसीमन की प्रक्रिया जारी

सरकार ने शपथपत्र में बताया कि परिसीमन और पुनर्गठन की अधिसूचना मार्च में जारी की गई थी और यह प्रक्रिया मई-जून तक चलेगी। इसके बाद ही चुनाव कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। दरअसल, इन पंचायतों में चुनाव टालने को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि चुनाव कब कराए जाएंगे।

कोर्ट की अगली सुनवाई में तय हो सकता है चुनावी दिशा

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 4 फरवरी के आदेश का पालन करते हुए सरकार को स्पष्ट चुनाव कार्यक्रम पेश करने के निर्देश दिए थे। उस समय सरकार ने संभावित चुनावी समयसीमा नहीं बताई थी। अब नए एफिडेविट में सरकार ने साफ किया है कि परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने तक चुनाव संभव नहीं हैं। अगली सुनवाई में कोर्ट इस मामले में कोई दिशा-निर्देश दे सकता है।

परिसीमन पर स्थानीय स्तर पर विरोध भी जारी

राज्य में चल रही इस परिसीमन प्रक्रिया के तहत कई ग्राम पंचायतों की सीमाएं बदली जा रही हैं। कहीं नई पंचायतें जोड़ी गई हैं तो कहीं पुरानी पंचायतों को समाप्त किया गया है। साथ ही कई गांवों को शहरी निकायों—जैसे नगर परिषद या नगर निगम—में शामिल किया गया है। इस बदलाव को लेकर कई जिलों में स्थानीय स्तर पर विरोध भी सामने आया है।

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