राजस्थान में बड़ा बदलाव शुरू! 312 स्कूलों और ‘कांग्रेस के बबूल’ पर सरकार की रहस्यमयी कार्रवाई… जानिए पूरा मामला

Madan Dilawar

Madan Dilawar: राजस्थान के पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि 25 से कम नामांकन वाले कुल 312 सरकारी विद्यालय अगले शैक्षणिक सत्र (2026) से मर्ज कर दिये जाएंगे; इन भवनों को जिला कलेक्टर को सौंपा जाएगा। साथ ही कांग्रेस के समय लगाए गए (Madan Dilawar)विलायती बबूल के पेड़ों को समूल नष्ट करने का अभियान शुरू किया जाएगा।

कौन से स्कूल मर्ज होंगे 

मंत्रि मदन दिलावर ने प्रेस वार्ता में कहा कि 155 सीनियर सेकेंडरी (कक्षा 1 से 12) ऐसे स्कूल हैं जिनमें नामांकन 25 से कम है — इन्हें नज़दीकी उच्चतर विद्यालयों में मर्ज किया जाएगा। इसके अलावा प्रारंभिक स्तर के 157 विद्यालय जिनमें नामांकन शून्य या 0-5 के बीच है, उन्हें भी पास के स्कूलों में शामिल किया जायेगा। कुल मिलाकर 312 स्कूल अगले 2026 सत्र से मर्ज होंगे।

मर्ज किये जाने वाले स्कूलों की इमारतें जिला कलेक्टर को सुपुर्द कर दी जाएँगी ताकि उनका उपयोग अन्य राजकीय कार्यों के लिए किया जा सके। दिलावर ने यह भी कहा कि प्रदेश में स्टाफिंग पैटर्न लागू किया जाएगा जिससे कुछ जगहों पर अध्यापक-छात्र असंतुलन (कहां अध्यापक ज्यादा और बच्चे कम, और कहां बच्चे ज्यादा पर अध्यापक कम) खत्म होगा।

कर्मचारियों की भर्ती व पदोन्नति

मदन दिलावर ने बताया कि पिछले 22 महीनों में प्रदेश में लंबित प्रमोशन सुलझाते हुए करीब 50,000 कर्मचारियों का प्रमोशन किया गया है। जल्द ही कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा कर लगभग 21,000 पदों पर भर्ती और पदोन्नति की जाएगी।

मंत्री ने कहा कि 7 नवम्बर को राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ का 150वां वर्ष मनाया जाएगा। राजस्थान में सभी विभागों में और स्कूलों में 7 नवम्बर को सुबह 10:15 बजे सामूहिक गायन होगा। इसके बाद 26 नवम्बर (संविधान दिवस) तक हर दिन अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से ‘वंदे मातरम्’ का गान किया जाएगा। शिक्षा, पंचायती राज और संस्कृत शिक्षा विभागों में नियमित तौर पर हर दिन राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान से कार्यालय की शुरुआत व समापन किया जाएगा — और 26 नवम्बर के बाद भी यह प्रथा जारी रहेगी।

विलायती बबूल हटाने का अभियान

दिलावर ने कहा कि कांग्रेस शासन काल में बोए गए और व्यापक रूप से फैल चुके विलायती बबूल (Prosopis/बबूल) के पेड़ों को समूल नष्ट करने का अभियान चलाया जाएगा। उनका कहना था कि यह पेड़ जलस्तर और पर्यावरण के लिए हानिकारक है तथा प्रदूषण में योगदान देता है — इसलिए इनका उन्मूलन जरूरी है।

मंत्रि ने कहा कि एक निजी स्कूल के संबंध में जांच टीम काम कर रही है और दो दिनों में सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा अन्य प्रशासनिक और शिक्षा-संबंधी सुधारों की भी प्रक्रियाएँ जारी हैं।

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