लाइव शो में बेकाबू हनुमान बेनीवाल, किरोड़ी पर लगाए चौंकाने वाले आरोप, राजस्थान की राजनीति गरमा उठी

Rajasthan politics controversy

Rajasthan politics controversy: राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा एसआई भर्ती-2021 को रद्द किए जाने के बाद राज्य की सियासत में हलचल तेज है। जयपुर के शहीद स्मारक पर 127 दिन से धरने पर बैठे युवाओं ने फैसले का जश्न मनाया, जिसमें आरएलपी संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी शामिल हुए। (Rajasthan politics controversy) इसी क्रम में एक टीवी चैनल के लाइव शो पर बीजेपी नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और बेनीवाल के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जो प्रदेशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है।

“किरोड़ी फ्रस्ट्रेट हैं”

जयपुर में मीडिया से बातचीत में हनुमान बेनीवाल ने किरोड़ी लाल मीणा पर कड़े शब्दों में निशाना साधा। बेनीवाल के मुताबिक, “किरोड़ी जिस तू-तड़ाक वाली भाषा में बात करते हैं, उसे मैं बर्दाश्त नहीं करता।” उन्होंने तंज में कहा कि किरोड़ी “फ्रस्ट्रेट हैं और रोज 15 टैबलेट खाते हैं।” बेनीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि मीणा “अपनी ही कौम को गाली देते हैं और किसी के सगे नहीं हैं।”

राज्यसभा वोट के बदले पैसे लेने के आरोप पर पलटवार

लाइव शो में उठाए गए आरोप—कि बेनीवाल ने राज्यसभा चुनाव में वोट के बदले पैसे लिए—पर उन्होंने सीधा खंडन किया और कहा कि ये आरोप पूरी तरह निराधार हैं। बेनीवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि किरोड़ी ने नरेश मीणा को दोबारा जेल भिजवाया और समरावता गांव में “लोगों को पिटवाया।” साथ ही, किसान आंदोलन, अग्निवीर योजना और महिला पहलवानों के मुद्दे पर उन्होंने किरोड़ी के रुख की आलोचना करते हुए कहा, “मैं इन मुद्दों पर पीड़ितों के साथ खड़ा रहा।”

“वचन और इस्तीफा”—ट्वीट पर चुटकी

बेनीवाल ने किरोड़ी के उस ट्वीट पर भी चुटकी ली, जिसमें उन्होंने इस्तीफा देते हुए “रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई” लिखा था। बेनीवाल बोले, “बाद में इस्तीफा वापस ले लिया गया, तो फिर वचन का क्या हुआ?”

पेपर लीक पर खुली चुनौती

पेपर लीक प्रकरण पर बेनीवाल ने किरोड़ी को खुली चुनौती दी कि वे “एक भी कांग्रेस नेता को गिरफ्त में दिलवाकर दिखाएं।” उनका आरोप है कि किरोड़ी ने जिन नेताओं पर पहले आरोप लगाए, बाद में उनके साथ बैठ गए। “न उन्हें कोई सीरियसली लेता है, न उन्होंने कोई पार्टी बनाई, न उनमें लड़ने का दम है,” बेनीवाल ने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब किरोड़ी पर रेप के केस लगे थे, तब वे उनके साथ खड़े थे।

बीजेपी–कांग्रेस पर सांठगांठ के आरोप

बेनीवाल ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार और वर्तमान बीजेपी सरकार, दोनों पर तीखे आरोप लगाए। उनके अनुसार, गहलोत शासन में “सत्ता के संरक्षण” में पेपर लीक का खेल चला, जबकि सत्ता में आने से पहले कार्रवाई का वादा करने वाली बीजेपी ने “परदे के पीछे बैठे गुनहगारों को बचाने का प्रयास” शुरू कर दिया।

मुख्य बिंदु एक नजर में

  • हाईकोर्ट से एसआई भर्ती-2021 रद्द होने के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी तेज।
  • टीवी डिबेट में बेनीवाल–किरोड़ी के बीच तीखा टकराव, व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप।
  • राज्यसभा वोट के बदले पैसों के आरोप पर बेनीवाल का सख्त खंडन।
  • पेपर लीक पर कार्रवाई को लेकर किरोड़ी को बेनीवाल की खुली चुनौती।
  • बीजेपी और कांग्रेस पर मिलीभगत का आरोप; युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ का दावा।

आगे क्या?

एसआई भर्ती-2021 निरस्तीकरण के बाद अब निगाहें जांच, पुनर्परीक्षा/री-प्रोसेस और संभावित राजनीतिक रणनीतियों पर हैं। फिलहाल, बेनीवाल–किरोड़ी की जुबानी जंग ने राज्य की सियासत को और गर्म कर दिया है, जबकि अभ्यर्थी निष्पक्ष समाधान की प्रतीक्षा में हैं।

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