Rajasthan urban local bodies: राजस्थान के 49 शहरी निकायों का कार्यकाल इस माह समाप्त होने जा रहा है, जिसके चलते इनकी कमान प्रशासकों को सौंपे जाने की संभावना बढ़ गई है। (Rajasthan urban local bodies) सरकार फिलहाल ‘एक राज्य-एक चुनाव’ के सिद्धांत पर विचार कर रही है, लेकिन बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने से पहले इसे लागू कर पाना कठिन है। ऐसे में चुनाव कराए बिना ही बोर्ड स्वतः भंग हो जाएगा।
कार्यकाल बढ़ाने की सीमाएं
सरकार वर्तमान निकायों का कार्यकाल बढ़ाने के विकल्प तलाश रही है, लेकिन भारतीय संविधान और राजस्थान नगरपालिका एक्ट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 और राजस्थान नगरपालिका अधिनियम की धारा 7 के अनुसार, नगरपालिकाओं का कार्यकाल पांच वर्ष से अधिक नहीं हो सकता है।
पंचायतों का कार्यकाल भी समाप्त होने के करीब
राज्य की 6,759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल भी जनवरी 2025 में समाप्त हो रहा है। इसे लेकर भी सरकार में मंथन जारी है। नए जिलों के पुनर्गठन के बाद ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों का पुनर्गठन होगा, जिससे चुनाव टाले जाने की संभावना है।
निकायों की सूची जिनका कार्यकाल हो रहा समाप्त
अजमेर के ब्यावर, नसीराबाद, टोंक, डीडवाना, पुष्कर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, अलवर, सीकर, झुंझुनूं, जैसलमेर, बाड़मेर, सिरोही, उदयपुर और चित्तौड़गढ़ जैसे जिलों के नगरपालिकाओं का कार्यकाल इसी माह समाप्त हो रहा है।
प्रशासकों की नियुक्ति की संभावना
यदि निर्धारित समय सीमा में चुनाव नहीं कराए जाते हैं, तो बोर्ड स्वतः भंग हो जाएगा और सरकार प्रशासक नियुक्त कर सकती है। विधि विशेषज्ञ अशोक सिंह के अनुसार, कार्यकाल बढ़ाने का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है।
उपचुनाव के बाद होगा अंतिम निर्णय
स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि सरकार ‘एक राज्य-एक चुनाव’ की योजना पर आगे बढ़ रही है, लेकिन इन निकायों के कार्यकाल समाप्ति पर अंतिम निर्णय विधानसभा उपचुनाव के बाद ही लिया जाएगा।