Rajasthan Assembly Budget Session 2025: नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रदेश में गहराते बिजली संकट को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे प्रदेश में बिजली की मांग तेजी से बढ़ेगी, (Rajasthan Assembly Budget Session 2025)लेकिन सरकार की कुप्रबंधन और अदूरदर्शिता के कारण जनता को बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा। हर साल की तरह इस बार भी सरकार के पास कोई ठोस नीति नहीं है, जिससे प्रदेश को महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ेगी और इसका सीधा असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
किसान, व्यापारी और आम जनता पर पड़ेगा असर
जूली ने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण प्रदेश में बिजली आपूर्ति बुरी तरह चरमरा सकती है, जिससे किसान, व्यापारी और आम उपभोक्ता प्रभावित होंगे। खेती के लिए आवश्यक बिजली उपलब्ध न होने से किसान संकट में आएंगे, वहीं उद्योगों को महंगी बिजली के कारण नुकसान उठाना पड़ेगा। घरेलू उपभोक्ताओं को भी लगातार कटौती और कम वोल्टेज जैसी परेशानियों से जूझना पड़ेगा।
औद्योगिक बिजली दरें आसमान पर
जूली ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान उन राज्यों में शामिल है जहां औद्योगिक बिजली दरें सबसे अधिक हैं। गुजरात की तुलना में राजस्थान में लगभग ₹3 प्रति यूनिट महंगी बिजली मिल रही है, जिससे यहां निवेश करना मुश्किल हो रहा है। सरकार “राइजिंग राजस्थान” के खोखले दावों में मशगूल है, जबकि सच्चाई यह है कि महंगी बिजली दरों के कारण निवेशक प्रदेश से मुंह मोड़ सकते हैं।
सदन में बहस से भाग रही सरकार
जूली ने आरोप लगाया कि सरकार बिजली संकट पर चर्चा करने से बच रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष ने बार-बार इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा की मांग की, लेकिन सरकार जवाब देने के बजाय अपनी नाकामी छिपाने में जुटी है। अगर समय रहते इस मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो प्रदेश को बड़े स्तर पर बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा और जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
सरकार बताए समाधान क्या है?
जूली ने चेतावनी दी कि बढ़ती मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन न बना पाने के कारण प्रदेश में बिजली कटौती, ट्रिपिंग और वोल्टेज की समस्याएं बढ़ेंगी, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर कब तक प्रदेश महंगी दरों पर बिजली खरीदकर काम चलाएगा? उन्होंने मांग की कि सरकार इस संकट से निपटने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाए और प्रदेश की जनता को अंधकार में धकेलने से बचे।