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“राजस्थान का जल क्रांति: 70 हजार करोड़ का पीकेसी-ईआरसीपी प्रोजेक्ट, पीएम मोदी करेंगे शिलान्यास

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Mega Water Project in Rajasthan

Mega Water Project in Rajasthan: भजनलाल सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने के अवसर पर 17 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जयपुर में आयोजित समारोह में महत्वपूर्ण जल परियोजना, पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट(Mega Water Project in Rajasthan) (पीकेसी-ईआरसीपी) के पहले चरण का शिलान्यास करेंगे। इस परियोजना को लेकर जल संसाधन विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को प्रोजेक्ट से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां मुहैया कराई जा रही हैं। उम्मीद है कि इस ऐतिहासिक मौके पर पीएम मोदी निर्माण लागत में 90 प्रतिशत योगदान केंद्र से देने की घोषणा भी कर सकते हैं।

पीएम मोदी करेंगे पीकेसी-ईआरसीपी प्रोजेक्ट का शिलान्यास

भजनलाल सरकार के एक साल के कार्यकाल की उपलब्धि के रूप में 17 दिसंबर को जयपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (पीकेसी-ईआरसीपी) के पहले चरण का शिलान्यास करेंगे। इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने रीवर लिंकिंग प्रोजेक्ट में शामिल किया है, जिससे राजस्थान के 21 जिलों को सिंचाई और पेयजल के लिए पानी उपलब्ध होगा।

परियोजना की लागत और वित्तीय भागीदारी

यदि केंद्र सरकार 90 प्रतिशत लागत वहन करती है, तो 70,000 करोड़ रुपये के इस मेगा प्रोजेक्ट में राज्य सरकार को केवल 7,000 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी ने लोकसभा में बताया कि परियोजना की अंतिम लागत संबंधित राज्यों की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनने के बाद तय होगी।

परियोजना से लाभान्वित होने वाले जिले

राजस्थान के जिन 21 जिलों को इस परियोजना से कृषि, उद्योग और पेयजल के लिए पानी मिलेगा, उनमें शामिल हैं:

  • कोटा संभाग: झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी
  • भरतपुर संभाग: भरतपुर, धौलपुर, करौली
  • जयपुर संभाग: जयपुर, दौसा, अलवर, सवाई माधोपुर
  • अन्य जिले: अजमेर, टोंक, बीकानेर, दूदू, कोटपूतली-बहरोड़ आदि।

पानी के भंडारण और वितरण की योजना

परियोजना के तहत करीब 158 बांध, तालाब और जल स्रोतों को भरा जाएगा। इसके लिए 600 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का रिजर्व रखा जाएगा, जो सिंचाई और पेयजल जरूरतों को पूरा करेगा।

परियोजना के चरण और कार्यावधि

  • पहला चरण: चार साल में पूरा होगा। इसमें नवनेरा बैराज से बीसलपुर और ईसरदा तक पानी लाने की योजना है। इसके तहत रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नौनेरा में नहरी तंत्र और पंपिंग स्टेशन तथा मेज नदी पर पंपिंग स्टेशन का निर्माण होगा।
  • दूसरा चरण: इसका प्लान फिलहाल तैयार किया जा रहा है, जिसमें बाकी के घटक शामिल होंगे।

राज्यों की सहभागिता और चुनौतियां

परियोजना की शुरुआत की तारीख और कार्य की अवधि इस पर निर्भर करेगी कि दोनों राज्य अपनी-अपनी डीपीआर कितनी जल्दी पूरी करते हैं। साथ ही वैधानिक मंजूरी और प्रारंभिक आवश्यकताओं को पूरा करना भी अनिवार्य होगा।

मध्यप्रदेश को भी होगा फायदा

इस परियोजना से राजस्थान के साथ-साथ मध्यप्रदेश के 15 जिलों को भी सिंचाई और पेयजल की सुविधा मिलेगी। परियोजना में चंबल, पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपारेल, गंभीरी और मेज जैसी नदियों को जोड़ा जाएगा।

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