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क्या आप उस तीर्थ को जानते हैं जहां भगवान राम ने अपने पितरों का उद्धार किया था?

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पुष्कर पिंडदान

Lord Ram’s Pind Daan location: पितृ पक्ष के इन पावन दिनों में जहां लाखों श्रद्धालु अपने पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना करते हैं, वहीं पुष्कर (Pushkar) का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व हर किसी को अपनी ओर खींचता है। कहा जाता है कि भगवान राम (Lord Ram) ने भी यहां अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर मोक्ष की प्राप्ति करवाई थी।

पुष्कर: पितरों के मोक्ष का दरवाजा

राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित पुष्कर सिर्फ एक तीर्थ स्थल नहीं है, बल्कि इसे मृत्युलोक का सबसे बड़ा तीर्थ माना जाता है। यहां स्थित ब्रह्म सरोवर में स्नान और श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्राद्ध पक्ष के दौरान यह तीर्थ स्थल हजारों श्रद्धालुओं से भर जाता है, जो अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान (Pind Daan)और अन्य धार्मिक कर्मकांड करते हैं।

पुष्कर की पौराणिक महत्ता: भगवान राम से जुड़ी कथाएं

पुष्कर की धार्मिक महत्ता को और भी खास बनाती है वह पौराणिक कथा जिसमें कहा गया है कि भगवान राम ने अपने पिता दशरथ और 7 कुल की 5 पीढ़ियों के पितरों का श्राद्ध यहीं किया था। यह अकेला ऐसा तीर्थ स्थल है जहां 7 कुल तक के पूर्वजों के लिए श्राद्ध करने की परंपरा है, जबकि अन्य स्थानों पर केवल एक या दो पीढ़ियों तक का ही श्राद्ध किया जाता है। इस कारण से पुष्कर को खास दर्जा प्राप्त है, और यहां श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति का वरदान मिलता है।

श्राद्ध कर्म: मोक्ष की ओर पहला कदम

श्राद्ध पक्ष के दौरान पुष्कर सरोवर के 52 घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। यहां लोग श्रद्धा भाव से जौ या चावल के पिंड बनाकर अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं। इसके बाद पुरोहितों को वस्त्रदान, भोजन और दक्षिणा दी जाती है, जो श्राद्ध कर्म का अभिन्न हिस्सा है। माना जाता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है, और वे अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं।

पुष्कर: ब्रह्मा का निवास और मोक्ष की धरा

पुष्कर का नाम सिर्फ श्राद्ध कर्म के लिए ही नहीं, बल्कि इसके ब्रह्मा मंदिर (Pushkar Brahma temple) के लिए भी विख्यात है, जो पूरे विश्व में भगवान ब्रह्मा का इकलौता मंदिर है। यहां का ब्रह्म सरोवर इतना पवित्र माना जाता है कि इसकी सिर्फ एक डुबकी से पापों का नाश हो जाता है। इसी कारण, पुष्कर सालभर तीर्थयात्रियों से भरा रहता है, लेकिन पितृ पक्ष के दौरान यहां का वातावरण पूरी तरह धार्मिक उत्साह से भर जाता है।

पितृ पक्ष 2024: पिंडदान के लिए श्रद्धालुओं का बढ़ता रुझान

हर साल पितृ पक्ष के दौरान पुष्कर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। देश-विदेश से लोग यहां आते हैं ताकि वे अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर सकें। खासतौर पर श्राद्ध पक्ष 2024 में, पुष्कर तीर्थ यात्रियों का मुख्य केंद्र बन चुका है, जहां ब्रह्म सरोवर और ब्रह्मा मंदिर के दर्शन के साथ-साथ लोग अपने पितरों के मोक्ष के लिए श्राद्ध कर्म कर रहे हैं।

पुष्कर का यह अद्भुत तीर्थ स्थल अपनी पौराणिक कहानियों और धार्मिक मान्यताओं के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां आकर लोग सिर्फ अपने पितरों की आत्मा की शांति नहीं, बल्कि खुद को भी आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराते हैं

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