Pakistan Terror Link: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा किया है। एजेंसी ने इस हमले की साजिश को लेकर सोमवार, 15 दिसंबर 2025 को जम्मू स्थित विशेष NIA अदालत में चार्जशीट दाखिल की।(Pakistan Terror Link) जांच में सामने आया है कि इस नरसंहार की योजना लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकवादी सैफुल्लाह साजिद जट्ट ने पाकिस्तान से बैठकर तैयार की थी।
सैफुल्लाह साजिद जट्ट पर 10 लाख का इनाम
NIA ने इस हमले के मुख्य साजिशकर्ता सैफुल्लाह साजिद जट्ट पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। वह फिलहाल पाकिस्तान में छिपा हुआ है और भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए मोस्ट वांटेड आतंकवादी बना हुआ है।
तय समय सीमा के भीतर दाखिल हुई चार्जशीट
इस आतंकी हमले से जुड़े मामले में चार्जशीट दाखिल करने की अधिकतम अवधि 180 दिन थी, जो 18 दिसंबर 2025 को पूरी हो रही थी। इससे पहले ही NIA ने 15 दिसंबर को अदालत में आरोपपत्र पेश कर दिया।
इससे पहले प्रारंभिक 90 दिनों की अवधि समाप्त होने के बाद एजेंसी ने जांच पूरी करने के लिए अतिरिक्त 45 दिनों की मांग की थी, जिसे अदालत ने मंजूरी दी थी। एजेंसी के अनुसार यह समय डिजिटल साक्ष्य, फोरेंसिक रिपोर्ट और अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने के लिए जरूरी था।
स्थानीय आरोपियों की भूमिका
NIA की जांच में सामने आया है कि पहलगाम क्षेत्र के दो स्थानीय निवासी बशीर अहमद जोथर और परवेज अहमद जोथर ने आतंकियों को पनाह दी थी। दोनों को 22 जून 2025 को गिरफ्तार किया गया था।
जांच के अनुसार, इन आरोपियों ने तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट और ठिकाना मुहैया कराया। इन आतंकियों के नाम सुलेमान शाह, हमजा अफगानी उर्फ अफगानी और जिब्रान बताए गए हैं, जिन्होंने सीधे तौर पर हमले को अंजाम दिया।
पाकिस्तान से रची गई थी पूरी साजिश
चार्जशीट में साफ किया गया है कि पहलगाम हमला पाकिस्तान की धरती से संचालित किया गया था। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी संसद में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की भूमिका रही है।
NIA के अनुसार, सैफुल्लाह साजिद जट्ट ने पाकिस्तान से आतंकियों को निर्देश दिए और स्थानीय ओवरग्राउंड नेटवर्क के जरिए उन्हें हर तरह का सहयोग दिलवाया।
कौन है सैफुल्लाह साजिद जट्ट?
सैफुल्लाह साजिद जट्ट, जिसे साजिद जट्ट के नाम से भी जाना जाता है, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर जिले का रहने वाला है। वह लश्कर-ए-तैयबा का बेहद खतरनाक और सक्रिय कमांडर माना जाता है।
आतंकी संगठन में उसकी हैसियत ऊंची है और वह हाफिज सईद के बाद शीर्ष नेतृत्व में शामिल है। साजिद, लश्कर के प्रॉक्सी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) का प्रमुख भी है।
TRF और घाटी में आतंक का नेटवर्क
द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी संगठन माना जाता है। इसी संगठन ने पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी।
भारत सरकार ने वर्ष 2023 में TRF को UAPA के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था, इसके बावजूद यह सोशल मीडिया और ओवरग्राउंड वर्कर्स के जरिए घाटी में सक्रिय रहा।
हजारों लोगों से पूछताछ, जांच जारी
NIA ने इस मामले में अब तक 1,000 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। इनमें पर्यटक, टट्टू चलाने वाले, दुकानदार, होटल कर्मचारी, फोटोग्राफर और प्रत्यक्षदर्शी शामिल हैं।
एजेंसी के अनुसार, मोबाइल डेटा विश्लेषण, डिजिटल ट्रांजैक्शन और फोरेंसिक रिपोर्ट के जरिए आतंकी नेटवर्क की अंतिम परतें खोली जा रही हैं। कुछ और संदिग्धों की भूमिका की भी जांच जारी है।
22 अप्रैल 2025: बैसरन घाटी में खूनखराबा
यह आतंकी हमला 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के पास स्थित बैसरन घाटी में हुआ था, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे। हथियारबंद आतंकियों ने पर्यटकों से धर्म पूछकर उन्हें निशाना बनाया और कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया।
धार्मिक पहचान के आधार पर हिंदू पर्यटकों को चुन-चुनकर मारा गया। इस बर्बर हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में एक नेपाल का नागरिक और एक स्थानीय निवासी जम्मू-कश्मीर का था।
