दूल्हे को गिफ्ट में मिला ‘नीला ड्रम’, बारातियों के उड़े होश, वायरल वीडियो ने बटोरी सुर्खियां

Hameerpur Wedding

Hameerpur Wedding: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में एक शादी का जश्न उस वक्त चर्चा का विषय बन गया, जब दूल्हे के दोस्तों ने स्टेज पर एक ऐसा तोहफा दिया, जिसने सबको हैरान कर दिया। यह तोहफा था—एक बड़ा नीला ड्रम। जी हां, वही नीला ड्रम, जो 2025 में मेरठ के सौरभ हत्याकांड के (Hameerpur Wedding)बाद से सोशल मीडिया पर डर और मीम्स का प्रतीक बन चुका है। इस गिफ्ट का वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है, और सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंट गया है—कुछ लोग इसे मजेदार बता रहे हैं, तो कुछ इसे बेहद असंवेदनशील करार दे रहे हैं।

शादी में स्टेज पर गूंजा ‘ड्रम इफेक्ट’

यह घटना हमीरपुर के राठ कोतवाली क्षेत्र के दादा गार्डन में हुई, जहां जयमाला की रस्म चल रही थी। जैसे ही दुल्हन ने दूल्हे को माला पहनाई, वैसे ही उसके दोस्त स्टेज पर चढ़े और बड़े गर्व से एक नीला ड्रम दूल्हा-दुल्हन को गिफ्ट किया। साथ में झुनझुना भी पकड़ा दिया और कैमरे की ओर देखकर मुस्कराते हुए तस्वीरें खिंचवाने लगे।

दूल्हा जहां सन्न रह गया, वहीं दुल्हन की हंसी नहीं रुकी। लेकिन इस मजाक ने कुछ ही समय में सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा कर दिया।

नीला ड्रम क्यों बना विवाद का कारण?

इस ड्रामे की जड़ मेरठ के सौरभ हत्याकांड से जुड़ी है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। सौरभ की पत्नी मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। सौरभ के शव के 15 टुकड़े कर एक नीले ड्रम में भर दिए गए थे और ऊपर से सीमेंट डालकर उसे बंद कर दिया गया था। यह खौफनाक सच तब सामने आया, जब सौरभ की छोटी बेटी ने मासूमियत से कहा—“पापा ड्रम में हैं।”

उस दिन के बाद से नीला ड्रम सोशल मीडिया पर मीम्स और जोक्स का हिस्सा बन गया। हालांकि, कई लोगों के लिए यह डर और दर्द का प्रतीक बन चुका है।

वायरल वीडियो पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़

इस शादी में ड्रम गिफ्ट करने का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर दो राय बनने लगीं:

  • एक वर्ग का कहना है कि यह केवल एक मजाक था, दोस्तों की शरारत, जो सिर्फ मस्ती के लिए किया गया। उनका कहना है कि ट्रेंड को फॉलो करना आजकल का चलन है।

  • वहीं दूसरा वर्ग इसे एक संवेदनशील मुद्दा मान रहा है। उनके अनुसार, एक दर्दनाक हत्याकांड से जुड़े प्रतीक को मजाक में इस्तेमाल करना पीड़ित परिवार के घावों को कुरेदने जैसा है।

एक यूजर ने तीखी प्रतिक्रिया दी: “सोशल मीडिया के लाइक्स और वायरलिटी की दौड़ में इंसानियत कहीं पीछे छूट रही है।”

मस्ती बनाम मर्यादा: कहां खींचें लकीर?

हमीरपुर की इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग बनने की चाह में हम संवेदनशीलता भूलते जा रहे हैं? मजाक और मस्ती की अपनी जगह है, लेकिन जब कोई प्रतीक किसी दर्दनाक हादसे से जुड़ा हो, तो उसका इस्तेमाल सोच-समझकर करना ज़रूरी है। इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम वायरल कंटेंट के पीछे इंसानी जज्बातों को कुचलते जा रहे हैं?

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version