घटना का वीडियो और फील्ड रिपोर्ट्स में दिखा कि धमाके की आवाज इतनी तेज़ थी कि कई किलोमीटर दूर तक घरों में कंपन हुआ; खिड़कियों के शीशे टूटे और थाना आग की लपटों से भर उठा। मौके पर खड़ी कई वाहन जलकर खाक हो गईं और थाना परिसर का ढांचागत नुकसान भी हुआ। बचाव-राहत और फॉरेंसिक टीमें मौके पर जुटी हुई हैं।
क्या यह ‘लाल किला’ कार ब्लास्ट से जुड़ा है?
यह प्रश्न जांच एजेंसियों के लिए सबसे अहम बन गया है। कुछ ही दिनों पहले राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास कार में हुए आतंकी विस्फोट ने देश को हिला दिया था — उस कार में लगभग 90 किलो से अधिक विस्फोटक पाए गए और उसे जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े मॉड्यूल से जोड़ा गया था। प्रारम्भिक जांच में यह भी संकेत मिले थे कि संबंधित मॉड्यूल फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर में सक्रिय था।
नौगाम थाने में फटे विस्फोटकों की प्रकृति और पैकिंग-प्रणाली पर FSL की आगे की रिपोर्ट तथा मोबाइल, कॉल-डाटा और सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल से ही यह स्पष्ट होगा कि क्या यह विस्फोट उसी श्रृंखला से जुड़ा है। सुरक्षा स्रोतों का कहना है कि फिलहाल हर संभावना पर संजीदगी से जाँच चल रही है और किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले सबूतों की परख आवश्यक है।
जांच-प्रक्रिया और अगले कदम
- मौके पर केंद्रीय व राज्य की फॉरेंसिक टीमें, खुफिया एजेंसियां और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से जांच कर रही हैं।
- FSL की विस्तृत तकनीकी रिपोर्ट मिलने के बाद विस्फोट के कारणों व विस्फोटक स्रोत की पहचान पर स्पष्टता आएगी।
- सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड और बरामद सामान की जांच से नेटवर्क-कनेक्शनों का पता लगाया जाएगा।
- यदि नौगाम विस्फोट को दिल्ली ब्लास्ट से जोड़ने वाले सबूत मिलते हैं तो मामले को और बड़े अनुसंधान के दायरे में लिया जाएगा और आवश्यक समन अंतर-राज्यीय/केंद्रीय स्तर पर जारी होंगे।
स्थानीय प्रशासन ने इलाके को सील कर दिया है और नागरिकों से आग्रह किया है कि वे जांच में सहयोग दें तथा अफवाहों पर भरोसा न करें। सुरक्षा और आतंक-रोधी एजेंसियां फिलहाल किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए अलर्ट मोड में हैं। आधिकारिक बयानों के साथ-साथ FSL की तकनीकी रिपोर्ट आने के बाद ही जांच के और निष्कर्ष सार्वजनिक किए जाएंगे।
