Rajasthan Politics: समरावता हिंसा के 55 दिन बाद, मंगलवार रात को टोंक जेल से नरेश मीणा के 18 समर्थकों को रिहा किया गया, जिनका जबरदस्त स्वागत किया गया। (Rajasthan Politics)समर्थक उन्हें जेल से सीधे नरेश मीणा के कार्यालय लेकर गए, जहां आतिशबाजी की गई और फूल-मालाएं पहनाई गईं। इस दौरान उनके समर्थकों ने कहा, “नरेश भाई को रिहा नहीं किया तो आग भड़क सकती है।”
समरावता कांड में जमानत मिल चुकी है 61 आरोपियों को
समरावता कांड में अब तक 62 आरोपियों में से 61 को जमानत मिल चुकी है। सोमवार को टोंक जिला एवं सत्र न्यायालय ने समरावता कांड में बंद 19 आरोपियों में से 18 को जमानत दी, जबकि 18 समर्थकों की मंगलवार रात को रिहाई हुई। हालांकि, मुख्य आरोपी नरेश मीणा की जमानत अर्जी खारिज हो गई है, और वे अभी भी जेल में बंद हैं। इससे पहले, समरावता कांड के 39 आरोपियों को हाईकोर्ट से और 4 नाबालिगों को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
किरोड़ी लाल मीणा पर वादा खिलाफी का आरोप
जेल से बाहर आए नरेश मीणा के समर्थकों ने पुलिस पर निर्दोष लोगों को गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार नरेश मीणा को बिना शर्त रिहा नहीं करती, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। इसके अलावा, समरावता कांड के पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने और न्यायिक जांच की मांग भी उठाई गई। नरेश मीणा के समर्थकों ने राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पर वादा खिलाफी का आरोप भी लगाया, क्योंकि उन्होंने जेल में किए गए वादों से मुकरने का आरोप लगाया।
समरावता कांड की पृष्ठभूमि और विवाद
13 नवंबर को देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में मतदान बहिष्कार के बीच हिंसा और आगजनी हुई थी। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के बाद विवाद बढ़ गया था। मतदान के बाद गांव में आगजनी की घटना हुई, जिसमें कई वाहन जलाए गए थे। इसके बाद, पुलिस बल की मौजूदगी में नरेश मीणा की गिरफ्तारी हुई थी, और वे तब से जेल में बंद हैं।