भारत में शुरू हुआ पहला MLFF टोल सिस्टम, अब टोल प्लाज़ा पर गाड़ियाँ बिना रुके सीधे निकलेंगी तेज़ी से

MLFF India

पहला स्टेज …कहाँ-कहाँ लगेगा?

NHAI की इंडियन हाईवे मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड और ICICI बैंक के समझौते के तहत गुजरात के NH-48, चोरयासी टोल प्लाज़ा और हरियाणा के NH-44, घरौंडा टोल प्लाज़ा में यह सुविधा पहले चरण में लागू की जाएगी।

MLFF क्या है — तकनीक और काम करने का तरीका

Multi-Lane Free Flow (MLFF) एक हाई-टेक टोल कलेक्शन सिस्टम है जिसमें वाहनों को टोल बूथ पर रुकने की आवश्यकता नहीं रहती। सिस्टम के मुख्य घटक हैं:

  • RFID रीडर और ANPR कैमरे (Automatic Number Plate Recognition) जो चलती गाड़ी के FASTag/रजिस्ट्रेशन नंबर को पढ़ते हैं।
  • ऑटोमैटिक टोल कलेक्शन — सिस्टम स्वयं वाहन की पहचान कर संबंधित खाते से टोल राशि काट लेता है।
  • रियल-टाइम मॉनिटरिंग और डेटा लॉगिंग, जिससे वसूली पारदर्शी रहती है और टैम्परिंग की गुंजाइश घटती है।

यात्रियों के लिए फायदे

MLFF लागू होने से मिलने वाले लाभ सीधे यात्रियों और परिवहन प्रणाली को प्रभावित करेंगे:

  • टोल प्लाज़ा पर रुकावट खत्म → यात्रा समय में कमी।
  • ईंधन की बचत और कम प्रदूषण क्योंकि गाड़ियाँ रुक-रुक कर खड़ी नहीं होंगी।
  • ट्रैफिक फ्लो में सुधार → सड़क सुरक्षा व यातायात व्यवस्था बेहतर बनेगी।
  • टोल कलेक्शन अधिक पारदर्शी और तेज़ होगा।

कब तक और कितने प्लाज़ा?

NHAI ने बताया है कि वित्त वर्ष 2025-26 में लगभग 25 टोल प्लाज़ा पर यह MLFF तकनीक लागू करने की योजना है। NHAI के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने इसे टोलिंग व्यवस्था के आधुनिकीकरण की दिशा में बड़ा कदम बताया है।

क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं?

किसी भी नई तकनीक की तरह MLFF के सामने भी चुनौतियाँ आ सकती हैं — जैसे पुरानी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ इंटीग्रेशन, सभी वाहनों का FASTag/ANPR कम्पैटिबिलिटी सुनिश्चित करना, डेटा-निज़ाम व साइबर सुरक्षा और प्रारंभिक सेटअप की लागत। NHAI ने इन पहलुओं पर भी निगरानी रखने का आश्वासन दिया है।

 

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