Ashok Gehlot: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मणिपुर में हुई हिंसा और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की माफी पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया। (Ashok Gehlot)सिविल लाइन्स स्थित अपने आवास पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत ने मणिपुर हिंसा को अभूतपूर्व और शर्मनाक करार दिया। उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए और मणिपुर के मुख्यमंत्री से माफी की मांग की।
केंद्र की चुप्पी पर गहलोत के सवाल
गहलोत ने मणिपुर हिंसा को केंद्र सरकार की विफलता बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल असाधारण थी, बल्कि केंद्र सरकार की असंवेदनशीलता का प्रमाण है। गहलोत ने प्रधानमंत्री पर मणिपुर का दौरा न करने और इस संवेदनशील मुद्दे पर ठोस कदम न उठाने का आरोप लगाया।
राजनीति से ऊपर उठने की अपील
गहलोत ने सभी राजनीतिक दलों से राजनीति से ऊपर उठकर मणिपुर हिंसा के समाधान पर ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति को सुधारने के लिए संवेदनशीलता और ठोस योजना की आवश्यकता है। गहलोत ने केंद्र सरकार से दो समुदायों के बीच शांति स्थापित करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया।
विपक्ष के लिए अवसर
प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए गहलोत ने विपक्ष को केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाने का अवसर दिया। उनका बयान विपक्ष के लिए एक मंच बन सकता है, जहां वे केंद्र सरकार से मणिपुर हिंसा पर जवाब मांग सकते हैं। गहलोत के बयान ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की जवाबदेही को बढ़ा दिया है।
भाजपा और मोदी सरकार पर आरोप
गहलोत ने भाजपा और मोदी सरकार पर मणिपुर हिंसा की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर की जनता से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही, केंद्र सरकार की संवेदनहीनता से राज्य के हालात और बिगड़ने की संभावना जताई।
नए साल पर शोक व्यक्त
नए साल पर गहलोत ने कोई राजनीतिक आयोजन नहीं किया और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह समय राजनीतिक कार्यक्रमों का नहीं, बल्कि शोक व्यक्त करने का है।
मणिपुर हिंसा पर ठोस कदमों की मांग
गहलोत ने मणिपुर हिंसा की रोकथाम में केंद्र सरकार की विफलता की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की चुप्पी और अनुपस्थिति ने मणिपुर के हालात को और जटिल बना दिया है। गहलोत ने केंद्र से तुरंत ठोस कार्रवाई करने और स्थिति में सुधार लाने की मांग की।