जल जीवन मिशन बना भ्रष्टाचार मिशन? मंत्री जोशी और बेटा मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त, ED का बड़ा दावा

Jal Jeevan Mission

Jal Jeevan Mission: जयपुर: जल जीवन मिशन घोटाले में गिरफ्तार राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत याचिका पर बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की बहस पूरी हो गई। ईडी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में 5.4 करोड़ रुपएका लेन-देन हुआ, जिसमें से 2.1 करोड़ रुपए जोशी तक और 3.3 करोड़ रुपए उनके करीबी संजय बड़ाया तक पहुंचे।

शुक्रवार को होगी अगली सुनवाई

यह मामला राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश प्रवीर भटनागर की अदालत में चल रहा है। बुधवार को ईडी की ओर से अधिवक्ता अक्षय भारद्वाज ने बहस की। ईडी के अनुसार, जल जीवन मिशन मामले में करोड़ों रुपए की मनी ट्रेल सामने आई है। अब अगली सुनवाई शुक्रवा को होगी।

50 लाख बेटे की कंपनी में और बाकी से संपत्ति खरीदी

ईडी ने कोर्ट को बताया कि जोशी को मिले 2.1 करोड़ में से 50 लाख रुपए उनके बेटे की कंपनी में भेजे गए, जबकि शेष राशि से संपत्ति खरीदी गई। ईडी इन संपत्तियों को पहले ही अटैच कर चुकी है।

जमानत याचिका पर बहस के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से ईडी की दलीलों का जवाब देने के लिए समय मांगा गया, जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई शुक्रवार तक टाल दी।

प्रवर्तन निदेशालय ने 24 अप्रैल 2025को जल जीवन मिशन घोटाले में पूर्व मंत्री महेश जोशी को गिरफ्तार किया था। इससे पहले विशेष पीएमएलए कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि आरोप गंभीर हैं और अनुसंधान अभी लंबित।

ईडी ने अटैच की करोड़ों की संपत्तियां

ईडी ने इस मामले में धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई करते हुए महेश जोशी समेत पदमचंद जैन, महेश मित्तल, संजय बड़ाया, विशाल सक्सेना और उनके परिजनों की संपत्तियां अटैच की हैं। इन संपत्तियों में जयपुर के विभिन्न हिस्सों में कृषि भूमि, मकान, रिहायशी फ्लैट और अन्य अचल संपत्तियां शामिल हैं।

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