गीत नहीं गर्जना: ‘महाराणा प्रताप सा’ से गूंजा स्वाभिमान, उठी नई चेतना, युवा पीढ़ी को प्रेरणा

Maharana Pratap

Maharana Pratap : महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती के अवसर पर शनिवार को सिटी पैलेस, उदयपुर में ‘महाराणा प्रताप सा’ गीत का अनावरण किया गया। यह कार्यक्रम महाराणा प्रताप के वंशज श्रीजी डॉ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।(Maharana Pratap ) यह गीत महाराणा प्रताप की वीरता, साहस और स्वाभिमान को समर्पित है। गीत में मेवाड़ के युवा पीयूष देवराज राणा ने महाराणा प्रताप की भूमिका को प्रभावशाली ढंग से निभाया है। जयपुर के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों पर इस गीत की शूटिंग की गई है, जिनमें मंडोता किला प्रमुख है।

संगीत के माध्यम से प्रेरणा

श्रीजी डॉ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा, “आज के युग में संगीत महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व और विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम बन गया है। मुझे आशा है कि यह गीत युवाओं को देश, मिट्टी और स्वाभिमान के प्रति प्रेरित करेगा।”

संस्कृति के प्रति जागरूकता

गीत के लॉन्च के लिए अंग्रेजी तिथि के बजाय महाराणा प्रताप की हिंदी जयंती तिथि को चुना गया, जो यह दर्शाता है कि आज की युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूक है।

कलाकारों की भावना और अनुभव

पीयूष देवराज राणा ने कहा, “इस गीत में काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। महाराणा प्रताप के शौर्य को जीवंत करना किसी चुनौती से कम नहीं था। हालांकि यह मेरा पहला अनुभव है, लेकिन मैं भविष्य में भी राजस्थान की संस्कृति और परंपराओं को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास करूंगा।”

गीत की टीम और निर्माण

  • संगीतकार: देवव्रत शर्मा
  • म्यूजिक डायरेक्टर: कुमार दीपक
  • नृत्य निर्देशक: डीसी डेविड
  • निर्देशक: धर्मेंद्र के रॉय
  • निर्माता: पीयूष मेहता

महाराणा प्रताप: एक अमर विरासत

महाराणा प्रताप (9 मई 1540 – 19 जनवरी 1597) मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश के 13वें शासक थे। वे भारतीय इतिहास में अपनी अदम्य वीरता, स्वतंत्रता के लिए संघर्ष और दृढ़ संकल्प के लिए अमर हैं। यह गीत उनकी शौर्य गाथा और देशभक्ति को समर्पित है, जो आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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