Madan Dilawar: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बोर्ड परीक्षाओं में बड़ा बदलाव करते हुए ऐलान किया कि अब अगर छात्र फेल होंगे, तो शिक्षकों की जवाबदेही तय की जाएगी। यानी, अगर किसी छात्र के 50% से कम अंक आते हैं, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षक की होगी और (Madan Dilawar)उसके खिलाफ कार्रवाई तक हो सकती है। सरकार का मानना है कि इससे शिक्षक बेहतर तरीके से पढ़ाने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे परीक्षा परिणामों में सुधार आएगा।
री-टोटलिंग ही नहीं, अब री-चेकिंग की भी मिलेगी सुविधा!
अब छात्रों को री-टोटलिंग के साथ री-चेकिंग की भी सुविधा मिलेगी, जिससे अंक गणना की हर संभावित गलती को दूर किया जा सकेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के पेपर अब तीन-चार खंडों में विभाजित होंगे और इन्हें विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया जाएगा। इस नए सिस्टम से पेपर लीक और नकल माफिया पर कड़ा प्रहार होगा और परीक्षा प्रणाली अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनेगी।
50,000 शिक्षकों की पदोन्नति – शिक्षा व्यवस्था में आएगा सुधार!
मदन दिलावर ने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हुई। लेकिन अब सरकार ने 50,000 शिक्षकों की पदोन्नति करने का फैसला लिया है। इससे शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा और स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके अलावा, नई शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी।
अब शिक्षा में लापरवाही नहीं चलेगी – शिक्षक को फेल होने का डर!
मंत्री ने साफ कहा कि 80 अंकों के पेपर में छात्र को कम से कम 40 अंक लाने होंगे। अगर छात्र इससे कम अंक लाता है, तो शिक्षक को जवाब देना होगा और लापरवाही साबित होने पर सख्त कार्रवाई भी होगी। सरकार का मानना है कि इससे शिक्षक और छात्र दोनों की जिम्मेदारी बढ़ेगी, जिससे प्रदेश में शिक्षा का स्तर बेहतर होगा।
नई व्यवस्था को लेकर शिक्षक समुदाय में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ इसे शिक्षा में सुधार का कदम मान रहे हैं, तो कुछ इसे शिक्षकों पर अतिरिक्त दबाव डालने वाला फैसला बता रहे हैं। अब देखना होगा कि यह नियम शिक्षा व्यवस्था को कितना सुधारता है, या फिर यह शिक्षकों के लिए परेशानी का कारण बनता है!