एजीटीएफ ने अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स/एटीएस/एएनटीएफ दिनेश एम.एन. के निर्देशन में लगातार निगरानी और खुफिया शाब्दिक तथा विदेशी (crime news)नेटवर्क की पड़ताल के बाद अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित किया। संयुक्त प्रयासों के बाद यूएसए के ICE ने कनाडा-यूएसए बॉर्डर के पास ही जग्गा को डिटेन किया।

जग्गा के खिलाफ दर्ज कारवाई और आपराधिक इतिहास

जांच में सामने आया है कि जग्गा लॉरेन्स विश्नोई गैंग के लिए पंजाब और राजस्थान दोनों में सक्रिय रहा है और विदेश से एक्सटॉर्शन तथा फायरिंग जैसी घटनाओं में संलिप्त था। उसने तीन वर्ष पूर्व अपने पासपोर्ट पर दुबई भागने के बाद अवैध रूप से अमेरिका में शरण ली। राजस्थान और पंजाब में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं और कई बार अदालतों द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किए जा चुके हैं।

प्रमुख मामलों का संक्षेप

  • पंजाब में जग्गा के विरुद्ध दर्ज हैं एक दर्जन से अधिक मुकदमे और वह कई मामलों में घोषित अपराधी है।
  • राजस्थान में जोधपुर के प्रताप नगर थाना एवं सरदारपुरा थाना में उसके खिलाफ प्रकरण पंजीकृत हैं, जिनमें गिरफ्तारी वारंट जारी थे।
  • मार्च 2017 में प्रताप नगर में डॉ. सुनिल चंडक पर फायरिंग तथा जान से मारने की धमकी के मामले में वह शामिल था।
  • सितंबर 2017 में सरदारपुरा के वासुदेव इसरानी हत्याकांड में लॉरेन्स और अनमोल विश्नोई के साथ उसका नाम जुड़ा था।

एजीटीएफ की कार्रवाई और दबिशें

एजीटीएफ टीम ने स्थानीय ठिकानों पर दबिश देकर प्रारम्भिक प्राथमिक जानकारी जुटाई। तत्कालीन उप महानिरीक्षक पुलिस योगेश यादव और वर्तमान उप महानिरीक्षक पुलिस  दीपक भार्गव के सुपरविजन में यह अभियान संचालित हुआ। टीम ने विदेशी नेटवर्क की विस्तृत जानकारी एकत्र कर संबंधित अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से समन्वय किया, जिसके बाद अमेरिकी एजेंसियों ने जग्गा को हिरासत में लिया।

प्रत्यर्पण और आगे की कार्यवाही

वर्तमान में जग्गा यूएसए पुलिस की हिरासत में है और उसे भारत प्रत्यर्पित करने के लिए आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है। प्रत्यर्पण के बाद एजीटीएफ को उसकी गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की जानकारी मिलने की उम्मीद है, जिससे संगठित अपराध से जुड़े और मामले दर्ज किए जा सकेंगे।जग्गा के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता और संगठित अपराध से जुड़ी धाराओं के तहत, विशेष रूप से दोषियों को पकड़ने और मामले दर्ज करने के लिए कार्रवाई की जाएगी। एजीटीएफ ने बताया कि धारा 111 के अन्तर्गत भी अन्य प्रकरण दर्ज किए जा सकते हैं। कार्यवाही में शामिल प्रमुख एजीटीएफ सदस्यों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्ध्वान्त शर्मा, नरोतम वर्मा, पुलिस निरीक्षक रविन्द्र प्रताप, सुनील जांगिड़, मनीष शर्मा, कमल पुरी, हेड कांस्टेबल रमेश कुमार, कांस्टेबल सुभाषचंद और सुरेन्द्र कुमार शामिल रहे।