kanpur crime news:कानपुर के नौबस्ता क्षेत्र के रहने वाले एक युवक को विदेश में नौकरी और मोटी कमाई का लालच देकर सऊदी अरब भेजा गया, जहाँ उसे कथित तौर पर बंधक बनाकर 19 दिन भूखा-प्यासा रखकर जबरन काम कराया गया। किसी तरह बच निकलने के बाद (kanpur crime news) पीड़ित ने भारतीय दूतावास की मदद से स्वदेश वापसी की और लौटकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
दोस्त के जरिए रैकेट तक पहुंचा, पैसों की उगाही का आरोप
नौबस्ता आवास विकास निवासी आरिफ अंसारी मजदूरी कर परिवार का खर्च चलते थे। परिजनों की तबीयत खराब रहने से जिम्मेदारी उन पर थी। इसी बीच दोस्त दिलशाद ने उनकी मुलाकात रनियां निवासी शाहरुख से कराई, जिसने विदेश में नौकरी का भरोसा दिलाया। आरोप है कि शाहरुख ने ₹1.50 लाख लिए और फतेहपुर के छुरी गांव निवासी अयाज से संपर्क कराया। अयाज ने पासपोर्ट की कॉपी के साथ ₹50,000 और माँगे, यह कहकर कि 15–20 दिन में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
मुंबई से सऊदी तक: दस्तावेजों पर हस्ताक्षर और ‘करेंसी’ का भरोसा
तय समय पर मुंबई पहुँचे आरिफ से अयाज ने रकम लेकर कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कराए। भरोसा दिलाया गया कि सऊदी पहुँचते ही स्थानीय करेंसी मिल जाएगी। अप्रैल में आरिफ सऊदी अरब पहुँचे तो एक एजेंट उन्हें रेगिस्तान के तंबू में छोड़ गया। कुछ देर बाद एक शेख आया, जिसने मोबाइल फोन तोड़ दिया और कथित तौर पर बंधक बना लिया।
19 दिन की दहशत: भूखा-प्यासा रखकर जबरन काम, प्रताड़ना का आरोप
- लगातार 19 दिन तक भोजन और पानी से वंचित रखने का आरोप।
- जबरन श्रम और विरोध करने पर शारीरिक प्रताड़ना का आरोप।
- मोबाइल तोड़कर संपर्क-विहीन करने की कोशिश।
एंबेसी से मदद, सुरक्षित वापसी और FIR
मौका मिलते ही आरिफ वहाँ से भाग निकले और भारतीय दूतावास पहुँचे। एंबेसी अधिकारियों ने परिजनों से संपर्क कराया और वापसी की प्रक्रिया पूरी कराई। 30 जुलाई को आरिफ कानपुर लौटे और पुलिस कमिश्नर को पूरी आपबीती बताई।
पुलिस एक्शन: गिरोह की तलाश तेज
मामले की गंभीरता देखते हुए नौबस्ता थाने में शाहरुख, अयाज और अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पुलिस संभावित ह्यूमन ट्रैफिकिंग/चीटिंग एंगल पर जांच कर रही है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।
कैसे बचें ऐसे ठगी रैकेट से? (जनहित सुझाव)
- मान्यता प्राप्त रिक्रूटिंग एजेंट की ही सेवाएँ लें; आधिकारिक रजिस्ट्रेशन नंबर और लाइसेंस जांचें।
- विदेशी नौकरी के लिए लिखित कॉन्ट्रैक्ट, वेतन, रहने-खाने और बीमा की शर्तें स्पष्ट हों।
- एमिग्रेशन क्लीयरेंस और ई-माइग्रेट पोर्टल पर विवरण सत्यापित करें।
- संदेहास्पद मांगों—जैसे कैश पेमेंट, बिना रसीद—से बचें; बैंक ट्रेल रखें।
- आपात स्थिति में भारतीय दूतावास/कॉन्सुलेट और स्थानीय पुलिस से तुरंत संपर्क करें।