सत्र का नेतृत्व CCRAF के निदेशक डॉ. गणेश नारायण चौधरी, मुख्य सलाहकार दीपक आमेटा और कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती अनामिका चक्रवर्ती ने किया। उन्होंने बच्चों को बताया कि यदि वे मानसिक रूप से स्वस्थ, संतुलित और खुश रहते हैं, तो उनकी अकादमिक उपलब्धि, ध्यान, रचनात्मकता और समग्र व्यक्तित्व विकास स्वतः बढ़ता है।

प्रधानाध्यापिका एवं शिक्षकों ने दिया प्रेरक संदेश
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका इंदिरा कश्यप सहित अन्य शिक्षकों ने भी विद्यार्थियों को खुशी, आत्म-नियंत्रण और जीवन कौशल पर प्रेरक मार्गदर्शन दिया। सत्र के दौरान विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। स्माइली गतिविधि और अभिव्यक्ति मंच के माध्यम से बच्चों ने अपनी भावनाएँ साझा कीं और बताया कि वे स्वयं को अधिक शांत, खुश और आत्मविश्वासी महसूस कर रहे हैं। बच्चों ने सुझाव दिया कि इस प्रकार की गतिविधियाँ विद्यालयों में नियमित रूप से कराई जानी चाहिए और सप्ताह में कम से कम एक दिन इसे अनिवार्य करने की मांग भी रखी। कार्यक्रम का समापन विद्यालय परिवार एवं CCRAF टीम द्वारा विद्यार्थियों को उत्साहपूर्ण सहयोग, सहभागिता और सकारात्मक ऊर्जा के लिए धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।