ACB: आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी(ACB) की जांच के घेरे में आए कोटा के तत्कालीन संभागीय आयुक्त IAS अधिकारी राजेन्द्र विजय की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एसीबी के पास उनकी भारी मात्रा में संपत्ति से जुड़े दस्तावेज मौजूद हैं, जो उनकी आय से कहीं अधिक माने जा रहे हैं।
गोपनीय दस्तावेज और लॉकर से मिले सबूत
सोमवार शाम एसीबी ने सीतापुरा स्थित एक प्राइवेट बैंक के लॉकर की जांच की, जिसमें से 1 किलो चांदी की सिल्ली, सिक्के, नगदी और प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले। इस दौरान राजेन्द्र विजय खुद उपस्थित नहीं हुए, जिस पर एसीबी ने उनके बेटे को लेकर बैंक में दस्तावेजों की जांच की। फिलहाल एसीबी को अभी तक दूसरा कोई लॉकर नहीं मिला है, लेकिन जांच जारी है।
ड्राइवर चतर से मिले महत्वपूर्ण दस्तावेज
4 अक्टूबर की रेड कार्रवाई के दौरान फरार हुआ ड्राइवर चतर भी एसीबी के हाथ लग गया है। चतर के पास से भी कई प्रॉपर्टी के दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिन्हें वह अपनी संपत्ति बता रहा है। एसीबी यह जांच कर रही है कि चतर इतनी संपत्ति खरीदने में सक्षम था या नहीं।
करोड़ों की संपत्ति की खरीद
एसीबी की जानकारी में यह भी आया है कि राजेन्द्र विजय ने 2021-22 के दौरान करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी। 2021 में उन्होंने 1.46 करोड़ रुपये की जमीन और 2022 में 6.25 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी थी। एसीबी को संदेह है कि यह संपत्ति उनके माता-पिता के नाम पर खरीदी गई थी और बाद में इसे उनकी पत्नी के नाम पर गिफ्ट डीड किया गया।
संपत्ति के वैल्यूएशन में लग सकते हैं 25 दिन
एसीबी द्वारा की गई जांच में अब प्रॉपर्टी के वैल्यूएशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें करीब 25 दिन का समय लग सकता है। इस बीच, एसीबी उन पदों की भी जांच कर रही है, जिन पर राजेन्द्र विजय तैनात रहे थे, और अनुमान लगाया जा रहा है कि यही वह अवधि थी, जब यह संपत्ति जुटाई गई।