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जयपुर की धरोहर! ब्लू पॉटरी, इतिहास और सांस्कृतिक पहचान पर विशेषज्ञों की चर्चा

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Jaipur Establishment Day:जयपुर की स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विचारक समूह यू थिंक द्वारा विरासत संग्रहालय, किशनपोल बाजार में ‘जैपुर री बात’ टॉक शो आयोजित किया गया। (Jaipur Establishment Day)इस आयोजन में इतिहास और कला को समर्पित विषयों पर विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ यू थिंक की सदस्य शरद अग्रवाल के स्वागत उद्बोधन और अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

ब्लू पॉटरी का ऐतिहासिक महत्व

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में ब्लू पॉटरी के शिल्प गुरु गोपाल सैनी ने इस कला के विकास पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि ब्लू पॉटरी सिलिका से बनने वाली अनूठी कृति है, जो जयपुर में पर्शिया से आई। सवाई राम सिंह द्वितीय ने इसे प्रोत्साहन देकर कलाकारों को व्यवस्थित तरीके से बसाया। उन्होंने ‘ठाठरो का रास्ता’ और ‘मीनाकारों का रास्ता’ जैसे स्थानों का उल्लेख करते हुए कला की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डाला।

जयपुर का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

इतिहासकार सिया शरण लश्करी ने बताया कि जयपुर की कल्पना 450 वर्षों पूर्व कर ली गई थी। उन्होंने अश्वमेध यज्ञ और जयपुर के मंदिरों की स्थापना का जिक्र करते हुए बताया कि किस प्रकार मथुरा और वृंदावन से मूर्तियां लाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की गई। उन्होंने यह भी कहा कि जयपुर की परंपरागत जल व्यवस्थाएं, जैसे द्रव्यवती नदी और पोखर, आज लापरवाही के कारण क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।

सांस्कृतिक और आधुनिक उपलब्धियां

लश्करी जी ने जयपुर के परकोटे, गेट्स, और जागीरों की ऐतिहासिकता के साथ-साथ जोहरी बाजार, एमआई रोड, और जयपुर की आईटी और जेमस्टोन इंडस्ट्री की आधुनिक उपलब्धियों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि जयपुर लायन सफारी, टाइगर सफारी और बर्डिंग फेस्टिवल का केंद्र है।

प्रश्नोत्तर और प्रदर्शनी

कार्यक्रम के अंत में श्रोताओं ने अपने प्रश्न पूछे, जिनका समाधान विशेषज्ञों ने किया। इसके अलावा, सिया शरण लश्करी ने ऐतिहासिक दस्तावेजों, दुर्लभ पुस्तकों, और स्मृति चिह्नों की प्रदर्शनी लगाई, जिसने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।

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