कोचिंग स्टूडेंट्स के लिए खतरा बने कैफे! कोर्ट का सख्त फैसला, प्रशासन को दिए निर्देश

Jaipur Crime News:

Jaipur Crime News: पोक्सो कोर्ट नंबर दो, जयपुर महानगर प्रथम न्यायालय ने पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर संख्या 125/2025 (थाना महेश नगर) में दो आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को(Jaipur Crime News) ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया। मामले में आरोपी दीपांशु शर्मा (संचालक, BROS CAFE) और बाबूलाल (संचालक, DHC डेजर्ट हार्ड कैफे) के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 483 BNSS और पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।

अभियोजन पक्ष की दलीलें और न्यायालय का आदेश

राजस्थान सरकार की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक राकेश महर्षि ने प्रभावी दलीलें प्रस्तुत कीं। माननीय न्यायाधीश तिरुपति कुमार गुप्ता ने अपने आदेश में कहा कि जयपुर के कैफे और रेस्टोरेंट्स की आड़ में नाबालिग बच्चियों का शोषण किया जा रहा है, जो गंभीर अपराध है। उन्होंने यह भी कहा कि जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा और पीड़ितों को न्याय मिलने में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

कैफे में अवैध गतिविधियों पर प्रशासन की नजर

न्यायालय ने जयपुर कलेक्टर को निर्देश दिए कि पीटा एक्ट के तहत उन कैफे और रेस्टोरेंट्स पर तत्काल कार्रवाई की जाए, जहां नाबालिगों का शोषण किया जा रहा है। कैफे मालिक अवैध शुल्क वसूल रहे हैं, जो केवल खाद्य पदार्थों के लिए नहीं, बल्कि अनैतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लिया जाता है। नाबालिग लड़कियों को कैबिन में ले जाकर गलत कार्य कराए जा रहे हैं, जिससे समाज पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। वेश्यावृत्ति निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई के आदेश न्यायालय ने “अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956” की धारा 3 का उल्लेख किया, जिसके तहत किसी स्थान को वेश्यालय के रूप में उपयोग करना या इसकी अनुमति देना दंडनीय अपराध है। पुलिस और प्रशासन को ऐसे प्रतिष्ठानों पर नजर रखनी होगी और सख्त कार्रवाई करनी होगी।

 

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