Income tax officer fraud: आगरा रोड स्थित पालड़ी मीणा की भट्टा वाली ढाणी का मामला सामने आया है, जहां आयकर अधिकारी (Income tax officer fraud) घनश्याम दास ने साजिश कर अपने अनपढ़ मामा पांचूराम की दुकान का विक्रय पत्र बनवाकर उसे बेच दिया। यह घटना 2010 की है, जब घनश्याम दास ने अपने मामा को दुकान के बदले दो लाख रुपए उधार दिए और रजिस्ट्री ऑफिस ले जाकर फर्जी विक्रय पत्र बनवा लिया।
पुलिस की एफआर के बाद भी नहीं मानी हार
इस मामले में पांचूराम के बेटे जगदीश ने पुलिस की दो बार की गई एफआर (फाइनल रिपोर्ट) के बावजूद हार नहीं मानी। उन्होंने संघर्ष कर मामले को दोबारा खुलवाया और एफएसएल रिपोर्ट के जरिए घनश्याम दास के फर्जीवाड़े को उजागर किया। एफएसएल रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि घनश्याम ने विक्रय पत्र पर फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठा निशान लगाए थे।
पुलिस ने माना जुर्म, कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी
कानोता पुलिस स्टेशन के एसएचओ ने अब आरोपी आयकर अधिकारी घनश्याम दास के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र, और फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोपों में जुर्म प्रमाणित मान लिया है। वहीं, घनश्याम दास ने खुद को जेल जाने से बचाने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की है।