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हिंदुस्तान जिंक की सखी पहल ने 25,000 महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर और सशक्त!”

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Hindustan Zinc CSR: जावर गांव की मंजू मीणा का आत्मविश्वास तब झलकता है, जब वह कहती हैं कि सखी पहल ने उन्हें अपने सपनों को साकार करने का अवसर दिया। (Hindustan Zinc CSR)मंजू हिंदुस्तान जिंक की सखी पहल के जरिए राजस्थान के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं। वह उन 25,000 महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने इस पहल के माध्यम से आत्मनिर्भरता हासिल की।

महिलाओं की सुरक्षा में विशेष भूमिका

भीलवाड़ा के गुलाबपुरा क्षेत्र की विजयश्री वैष्णव ने महिलाओं और बच्चों की सहायता कर सुरक्षा का नया मानक स्थापित किया। नारकोटिक्स इंस्पेक्टर की तरह उनकी सखी सुरक्षा भूमिका के तहत उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने में अहम योगदान दिया।

राष्ट्रीय स्तर पर पहचान

स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की परेड में भाग लेने का मौका सखी महिलाओं के लिए गर्व का विषय था। खान मंत्रालय द्वारा आमंत्रित इन महिलाओं ने अपनी उपलब्धियों से आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का काम किया। इसके अतिरिक्त, फिक्की महिला कार्यबल शिखर सम्मेलन में तारा राणावत और आशा कुंवर ने अपनी प्रेरणादायक कहानियां साझा कीं।

महिलाओं के आर्थिक विकास का मंच

सखी पहल राजस्थान के सात जिलों और उत्तराखंड के पंतनगर में 2,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों के जरिए संचालित की जा रही है। इस पहल के तहत 24,000 से अधिक महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान किया गया।

महत्वपूर्ण सामाजिक जागरूकता अभियान

सखी पहल के ‘उठोरी कार्यक्रम’ ने बाल विवाह, लैंगिक हिंसा, मासिक धर्म स्वच्छता और उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर 2 लाख से अधिक लोगों को जागरूक किया।

आर्थिक सशक्तिकरण के लिए मजबूत कदम

4.75 करोड़ रुपये के क्रेडिट लिंकेज और 20 करोड़ रुपये की सामूहिक बचत के साथ, सखी पहल ने आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया है। अंतर-ऋण की राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।

संपूर्ण सामाजिक बदलाव का उद्देश्य

राजस्थान और उत्तराखंड के 3,700 गांवों में सकारात्मक बदलाव सुनिश्चित करते हुए हिंदुस्तान जिंक ने 20 लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित किया है। यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ शिक्षा, कौशल निर्माण और सस्टेनेबल कृषि के माध्यम से समग्र विकास को बढ़ावा दे रही है।

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