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BJP: भाजपा का सदस्यता अभियान फेल, क्या नेताओं की खामोशी में छिपा है कोई बड़ा राज?

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BJP Membership Rajasthan: जयपुर।भाजपा का सदस्यता अभियान राजस्थान (BJP Membership Rajasthan) में ठंडी पड़ती नजर आ रही है। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष (BL Santosh ) ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि “सवा करोड़ का लक्ष्य अभी भी बेहद दूर है।” राजस्थान की सदस्यता संख्या देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहद निराशाजनक है, और यह स्थिति संगठन के लिए एक बड़ा खतरा बन चुकी है।

प्रदेश कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में बीएल संतोष (BL Santosh ) ने  स्पष्ट रूप से कहा कि “अन्य राज्यों ने लक्ष्य का 50 प्रतिशत हासिल कर लिया है, लेकिन राजस्थान केवल 20 प्रतिशत तक ही पहुंच पाया है। यह स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, और इसे तुरंत मजबूत करना होगा।”

कठिनाई में भी चमकती भाजपा: डेटा का खेल

समीक्षा के दौरान जब कुछ जिला अध्यक्ष ने बढ़-चढ़कर अपने आंकड़े पेश किए, तो संतोष ने तुरंत जवाब दिया, “क्यों नहीं बढ़ रही है सदस्यता की संख्या? मुझे डेटा में उलझाने की कोशिश न करें, मेरे पास सब डेटा है।” यह स्पष्ट है कि पार्टी के भीतर असंतोष और चिंता का माहौल है, और नेताओं को खुद को साबित करने का अवसर मिला है।

बैठक में नेता बने ग़ायब: क्या है वजह?

समीक्षा बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण नेता और पदाधिकारी अनुपस्थित रहे। इस पर संतोष ने सवाल उठाया, “कौन बिना कारण नहीं पहुंचे? संगठन को मजबूत बनाएं, ताकि मंत्री और विधायक खुद आएं।” यह संकेत देता है कि संगठन में समर्पण की कमी हो सकती है, जो भविष्य में चुनावी प्रदर्शन पर असर डाल सकती है।

ग्रामीणों की अनदेखी: क्या समस्या है?

जोधपुर देहात जिला अध्यक्ष ने कहा, “गांव वाले फसल काटने में व्यस्त रहते हैं और ओटीपी सुनते ही सदस्यता अभियान से मना कर देते हैं।” यह टिप्पणी भाजपा की मौजूदा स्थिति को दर्शाती है कि क्या संगठन से संपर्क करने में असफल हो रहा है।

सदस्यता अभियान का पुनर्निर्माण: क्या है योजना?

बीएल संतोष ने सदस्यता अभियान को कार्यकर्ता निर्माण की दिशा में पहला कदम बताया और इसके सफल कार्यान्वयन के लिए त्रिसुत्री मंत्र दिया:

  1. प्रतिदिन नए सदस्य बनाएं: हर दिन नए लोगों को जोड़ने की आवश्यकता है।
  2. हर बूथ पर सक्रियता बढ़ाएं: बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को अधिक सक्रिय बनाना होगा।
  3. व्यक्तिगत रेफरल की संख्या बढ़ाएं: व्यक्तिगत संपर्क से सदस्यों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।

भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण समय: क्या होगा आगे?

भाजपा का सदस्यता अभियान राजस्थान में अब एक बड़ा प्रश्न बन चुका है। यदि पार्टी को चुनावी मैदान में मजबूत रहना है, तो इसे अपनी रणनीतियों को सुधारने की आवश्यकता है। क्या भाजपा इस चुनौती का सामना कर पाएगी? समय ही बताएगा।

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