Electricity Scam: राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं के साथ एक अलग तरह का छलावा हो रहा है। बिजली निगम बेस फ्यूल सरचार्ज के नाम पर अनुचित वसूली कर रहे हैं। (Electricity Scam)बड़ी समस्या यह है कि किसी माह में अधिक वसूली गई राशि उपभोक्ताओं के बिलों में वापस समायोजित नहीं की जाती।
तिमाही फ्यूल सरचार्ज में भारी अनियमितता
वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) के आदेश हाल ही में जारी हुए हैं। इसमें 9 पैसे प्रति यूनिट की दर से तिमाही फ्यूल सरचार्ज निर्धारित हुआ था, लेकिन उपभोक्ताओं से 57 पैसे प्रति यूनिट की दर से बेस फ्यूल सरचार्ज वसूला गया।
इसका मतलब यह हुआ कि उपभोक्ताओं को 48 पैसे प्रति यूनिट की राशि वापस मिलनी चाहिए। यह राशि मामूली नहीं है, बल्कि यदि प्रदेशभर का आंकड़ा देखें, तो यह 1,319 करोड़ रुपये की वसूली बनती है, जिस पर उपभोक्ताओं का हक है।
प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की स्थिति
- 2,268 करोड़ यूनिट – तिमाही खपत
- 1.48 करोड़ – बिजली उपभोक्ता
उपभोक्ताओं की राशि का समायोजन क्यों जरूरी?
अधिक वसूली गई राशि का समायोजन अगले माह के बिलों में किया जाना चाहिए, लेकिन बिजली निगम ऐसा नहीं कर रहे। यह अनियमितता पिछले कई वर्षों से जारी है। भले ही ब्याज न दिया जाए, लेकिन उपभोक्ताओं को उनकी मूल राशि वापस मिलनी चाहिए, जिसे उनके बिजली बिलों में समायोजित किया जाना आवश्यक है।
– इंजी. वाई.के. बोलिया, रिटायर्ड एसई व ऊर्जा सलाहकार