National Herald Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड से जुड़ी जांच में एक और बड़ा कदम उठाते हुए लखनऊ के कैसरबाग क्षेत्र स्थित एक बहुमूल्य संपत्ति को खाली कराने का नोटिस चस्पा कर दिया है। यह व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स लगभग 64 करोड़ रुपये मूल्य का बताया गया है। यह कार्रवाई 15 अप्रैल को की गई, जो कि 9 अप्रैल, 2025 को जारी आदेश का हिस्सा है। (National Herald Case) ईडी के डिप्टी डायरेक्टर नवीन राणा द्वारा नई दिल्ली मुख्यालय की यूनिट-1 के निर्देश पर यह नोटिस जारी किया गया। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि संपत्ति को जब्त किया जा चुका है और इसे तत्काल प्रभाव से खाली किया जाना है।
नोटिस में क्या कहा गया?
ईडी द्वारा चस्पा किए गए नोटिस में कहा गया है कि यह संपत्ति न तो बेची जा सकती है, न ही ट्रांसफर की जा सकती है, और न ही किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को सौंपा जा सकता है। संबंधित उप निबंधक कार्यालय को भी इसकी जानकारी दी गई है, ताकि संपत्ति पर सभी प्रकार की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई जा सके।
नवंबर 2023 में ही ईडी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में नेशनल हेराल्ड से जुड़ी संपत्तियों को जब्त किया था। अब निर्णायक प्राधिकरण की मंजूरी के बाद इन्हें खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
दुकानदारों में छाई चिंता
कॉम्प्लेक्स में वर्षों से कारोबार कर रहे व्यापारी इस कार्रवाई से चिंतित हैं। हालांकि, कोई भी कैमरे पर बात करने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि वे लंबे समय से वैध रूप से दुकान चला रहे हैं, और अचानक इस तरह का नोटिस आना चौंकाने वाला है।
इस मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दायर की जा चुकी है। ईडी का आरोप है कि यंग इंडियन लिमिटेड के जरिए नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों का अवैध हस्तांतरण किया गया।
केस की पृष्ठभूमि
नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यह अखबार स्वतंत्रता संग्राम की आवाज को जनता तक पहुंचाने के लिए शुरू किया गया था और बाद में कांग्रेस पार्टी से जुड़ा रहा। आर्थिक नुकसान के चलते 2010 में इसे बंद कर दिया गया।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में यह मामला उठाया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस ने यंग इंडियन लिमिटेड के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया, जिससे कांग्रेस नेताओं को करोड़ों की संपत्ति का स्वामित्व मिल गया। ईडी की हालिया कार्रवाई इस मामले में जांच एजेंसियों की सख्ती को दर्शाती है।