क्यों जरूरी है यह बदलाव?

अभी कई यात्रियों को अचानक यात्रा बदलने पर भारी कैंसिलेशन चार्ज और लंबा रिफंड प्रोसेस झेलना पड़ता है—खासकर जब टिकट एजेंट या ऑनलाइन पोर्टल के जरिये खरीदा गया हो। DGCA का यह प्रस्ताव इन परेशानियों को खत्म करके पारदर्शिता और उपभोक्ता हित सुनिश्चित करने का प्रयास है।

प्रस्तावित मुख्य बिंदु

  • 48 घंटे की छूट: टिकट बुकिंग के 48 घंटे के भीतर किए गए रद्दीकरण या संशोधन पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा।
  • रिफंड की जिम्मेदारी: रिफंड का दायित्व एयरलाइन पर होगा — चाहे टिकट सीधे एयरलाइन से ली गई हो या किसी एजेंट/थर्ड-पार्टी प्लेटफ़ॉर्म से।
  • एजेंट प्रतिनिधि हैं: नियामक का मानना है कि एजेंसियां एयरलाइंस की प्रतिनिधि होती हैं, इसलिए ग्राहक का रिफंड एयरलाइन सुनिश्चित करेगी।
  • रिफंड समयसीमा में सुधार: प्रस्ताव लागू होने पर रिफंड के विलंब और कटौती को रोकने के लिए एयरलाइंस के लिए स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित की जा सकती है।

यात्रियों को क्या लाभ मिलेगा?

  1. अचानक योजनाओं में बदलाव पर आर्थिक राहत — कम या कोई कैंसिलेशन फीस नहीं।
  2. थर्ड-पार्टी बुकिंग में भी तेज़ और सुनिश्चित रिफंड।
  3. बढ़ी हुई पारदर्शिता — ग्राहक जान पाएँगे कि रिफंड किसे और कब मिलेगा।
  4. कुल मिलाकर उपभोक्ता अधिकारों का सशक्तिकरण और एयर ट्रैवल का भरोसेमंद अनुभव।

एजेंसी और ऑनलाइन पोर्टल्स का क्या रोल रहेगा?

DGCA ने रेखांकित किया है कि एजेंसियां और ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल्स (जैसे मेकमाईट्रिप, यात्रा डॉट कॉम आदि) एयरलाइंस के प्रतिनिधि माने जाएंगे। इसका मतलब यह है कि एजेंट बुकिंग प्रोसेसिंग और कस्टमर असिस्ट में रहेंगे, पर रिफंड का वित्तीय भार और अंतिम जवाबदेही एयरलाइन की ही होगी।

क्या यह नियम कब से लागू होगा?

अभी यह एक प्रस्ताव/ड्राफ्ट पॉलिसी है और DGCA के अंतिम निर्देश, पब्लिक कमेंट पीरियड और एयरलाइंस के साथ समन्वय के बाद लागू किया जाएगा। नियामक जब आधिकारिक घोषणा करेगा तब नियमों की तारीख और क्रियान्वयन विवरण साझा किए जाएंगे।

विशेष ध्यान देने योग्य बातें

  • यदि आप थर्ड-पार्टी वेबसाइट से टिकट लेते हैं तो टिकट-शर्तें और रिफंड पॉलिसी पढ़ना अभी भी आवश्यक रहेगा।
  • एजेंट्स को अपडेटेड प्रक्रियाओं के अनुसार रिफंड अनुरोध प्रभावी ढंग से एयरलाइंस तक पहुँचाना होगा।
  • DGCA संभावित रूप से रिफंड प्रोसेसिंग की अधिकतम समय-सीमा और ग्राहक शिकायत निवारण मैकेनिज्म भी निर्धारित कर सकता है।