“27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की प्रचंड जीत, केजरीवाल हारे, कांग्रेस का सूपड़ा साफ, आप सिमटी!”

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Delhi Election 2025 Result

Delhi Election 2025 Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे लगभग साफ हो चुके हैं। 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राजधानी में सरकार बनाने जा रही है, (Delhi Election 2025 Result)जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को हार का सामना करना पड़ा है। शुरुआती रुझानों के मुताबिक, भाजपा 70 में से 50 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है, वहीं आप 20 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। कांग्रेस अब तक अपना खाता खोलने में असफल रही है।


बड़े चेहरे हुए धराशायी

इस चुनाव में कई बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। नई दिल्ली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा, उन्हें भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने करीब 1100 वोटों से हरा दिया।

इसके अलावा, आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता मनीष सिसोदिया और अवध ओझा भी अपनी सीटें बचाने में नाकाम रहे। वहीं, कांग्रेस के संदीप दीक्षित इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहे।


केजरीवाल ने स्वीकारी हार, भाजपा को दी बधाई

आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने अपनी हार स्वीकार कर ली और भाजपा को जीत की बधाई दी। उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर कहा,

“हम दिल्ली की जनता के जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करते हैं। मैं भाजपा को इस जीत पर बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे उन सभी वादों को पूरा करेंगे, जिनके लिए उन्हें जनसमर्थन मिला है।”

उन्होंने आगे कहा, “आप एक रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी और दिल्ली के लोगों की सेवा जारी रखेगी।”


आतिशी बोलीं – भाजपा के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कालकाजी सीट से जीत दर्ज की, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा,

“मैं कालकाजी के लोगों का धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा दिखाया। यह जश्न मनाने का समय नहीं है, बल्कि भाजपा के खिलाफ संघर्ष को आगे बढ़ाने का समय है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम जनादेश को स्वीकार करते हैं, लेकिन बाहुबल और सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी।”


भाजपा की ऐतिहासिक जीत, कांग्रेस का सूपड़ा साफ

इस चुनाव में भाजपा ने 27 साल बाद दिल्ली में सत्ता में वापसी की, जबकि आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त मिली। कांग्रेस लगातार तीसरी बार अपना खाता खोलने में नाकाम रही। अब सभी की नजर भाजपा की नीतियों और वादों पर टिकी है, जो उन्होंने इस चुनाव में जनता से किए थे।

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