Dausa News: राजस्थान के दौसा जिले के बांदीकुई में एक नवीं कक्षा के छात्र ने ऐसा झूठ बोला कि पूरा पुलिस महकमा हिल गया! उसने घर पहुंचते ही रोते हुए बताया कि दो नकाबपोश बदमाश उसे वैन में उठाकर ले जाने वाले थे, लेकिन एक राहगीर ने उसे बचा लिया।(Dausa News) घरवालों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, और फिर इस कहानी ने ऐसा मोड़ लिया कि हर कोई हैरान रह गया।
पुलिस ने झोंक दी पूरी ताकत, पर कुछ मिला ही नहीं!
छात्र के दावे के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई। घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम पहुंची, इलाके के CCTV फुटेज खंगाले गए, गवाहों से पूछताछ हुई। लेकिन न कोई वैन दिखी, न कोई नकाबपोश बदमाश। पुलिस को यह मामला संदिग्ध लगा, तो उन्होंने छात्र से दोबारा पूछताछ की।
सच उगला, बोले- ‘बस होमवर्क से बचना था!’
थोड़ी सख्ती के बाद छात्र की आंखों से आंसू आ गए और उसने सच कबूल कर लिया! उसने कहा, “टीचर बहुत डांटते हैं, मेरा होमवर्क पूरा नहीं था, इसलिए मैंने यह कहानी बना दी।”
पढ़ाई से बचने के लिए ‘क्राइम थ्रिलर प्लॉट’, पुलिस भी रह गई हैरान!
पुलिस ने जब बच्चे के माता-पिता से बात की, तो पता चला कि वह कई दिनों से स्कूल नहीं जा रहा था और पढ़ाई में भी कमजोर था। इस डर से कि स्कूल में उसे सजा मिलेगी, उसने एक पूरी ‘फिल्मी स्क्रिप्ट’ तैयार कर दी!
पुलिस ने दी सख्त हिदायत, माता-पिता भी दंग
जब पूरा मामला सामने आया, तो पुलिस ने बच्चे को समझाया कि झूठी कहानियां गढ़ने से न सिर्फ संसाधन बर्बाद होते हैं, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। माता-पिता भी बेटे की हरकत पर चौंक गए और उसे दोबारा ऐसी गलती न करने की चेतावनी दी।
बड़ा सवाल – क्या बच्चों पर पढ़ाई का इतना दबाव सही है?
इस घटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया कि बच्चों पर होमवर्क और पढ़ाई का इतना दबाव क्यों है कि वे झूठ बोलने को मजबूर हो जाएं? यह सिर्फ एक मजाकिया हरकत थी या बच्चों की मानसिक स्थिति को लेकर एक बड़ा सवाल?