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क्या 30,000 छात्रों का सपना बिखर जाएगा? अनुप्रति योजना पर बजट संकट का साया!

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Chief Minister Anuprati Coaching Scheme_

Chief Minister Anuprati Coaching Scheme: राजस्थान में मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना (Chief Minister Anuprati Coaching Scheme) के तहत गरीब और जरूरतमंद विद्यार्थियों को निशुल्क कोचिंग की सुविधाएं प्रदान करने की उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं। इस महत्वपूर्ण योजना के लिए अभी तक बजट आवंटित नहीं किया गया है, जिसके चलते 30 हजार विद्यार्थियों का सपना अधर में लटक गया है।

सत्र का आधा समय बीत चुका है, लेकिन योजना अभी भी अटकी हुई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग इस योजना का नोडल एजेंसी है, और छात्रों को आरएएस, मेडिकल, इंजीनियरिंग सहित कई महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इसका बेसब्री से इंतज़ार है।

क्या हुआ पिछले साल?

पिछले वर्ष कांग्रेस सरकार ने इस योजना के तहत लाभान्वित विद्यार्थियों की संख्या 15 हजार से बढ़ाकर 30 हजार कर दी थी। दो चरणों में आवेदन लिए गए थे—पहला चरण अप्रैल में और दूसरा चरण जुलाई में। 56.40 करोड़ रुपये का बजट पिछले साल स्वीकृत किया गया था, लेकिन इस साल अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

बजट की कमी का खामियाजा

अक्टूबर में पहुंचते-पहुंचते, भाजपा सरकार ने निशुल्क कोचिंग के लिए आवेदन प्रक्रिया तक शुरू नहीं की है। जब इस योजना के निदेशक बचनेश अग्रवाल से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया, जिससे चिंता और भी बढ़ गई है।

सीटों की संख्या और वर्गीकरण:

योजना में 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम को सम्मिलित किया गया है, जिसमें प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुसार 30 हजार सीटों का वर्गीकरण किया गया है। आइए, एक नजर डालते हैं सीटों की संख्या पर:

  • यूपीएससी: 600
  • आरएएस: 1500
  • सब इंस्पेक्टर या लेवल-10: 2400
  • रीट: 4500
  • लेवल-5 से लेवल-10: 3600
  • कांस्टेबल भर्ती: 2400
  • मेडिकल और इंजीनियरिंग: 12000
  • क्लेट: 2100
  • अन्य: 900

तीन वर्षों में बढ़ी सीटों की संख्या:

  • 2021-22: 10,000
  • 2022-23: 15,000
  • 2023-24: 30,000
  • 2024-25: आवेदन का इंतजार
मौका पाने का सुनहरा अवसर!

इस योजना के तहत विद्यार्थियों को राज्य के प्रमुख कोचिंग संस्थानों में प्रवेश मिलता है। कोचिंग की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाती है, जिससे उन बच्चों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलता है, जो कोचिंग संस्थानों में प्रवेश नहीं ले पाते।

क्या यह योजना भी अटक जाएगी? अब देखना यह है कि सरकार इस महत्वपूर्ण योजना के लिए कब बजट आवंटित करती है और विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए क्या कदम उठाएगी।

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