सुप्रीम कोर्ट के CJI ने रणथंभौर में बाघ संरक्षण पर क्या कहा? जानिए महत्वपूर्ण बातें!

CJI BR Gavai:

CJI BR Gavai: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण रामकृष्ण गवई (बीआर गवई) शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के कई अन्य न्यायाधीशों के साथ राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क पहुंचे।

सीजेआई गवई और अन्य न्यायाधीशों ने रणथंभौर नेशनल पार्क का भ्रमण किया और यहां की पूरी व्यवस्थाओं का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया। (CJI BR Gavai)इस दौरान सीजेआई गवई ने देश में बाघों के संरक्षण को लेकर कई अहम बातें साझा की।

वन और वन्य जीवों के संरक्षण में कानून की अहम भूमिका

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “देश में वन और वन्य जीवों के संरक्षण में भारतीय कानून की अहम भूमिका है। इसके कारण ही हमारे जंगल और उनके प्राणी सुरक्षित हैं। हालांकि, वन्यजीवों के संरक्षण के लिए देशभर में कॉरिडोर की संख्या को बढ़ाने की आवश्यकता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि कानून में शिकारियों को सजा दिलाने के लिए कई कड़े प्रावधान हैं, लेकिन अवैध शिकार (पोचिंग) को रोकने के लिए इस कानून को और सशक्त बनाए जाने की जरूरत है।

CJI बीआर गवई ने NALSA का किया जिक्र

सीजेआई गवई ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) का जिक्र करते हुए कहा, “राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से लाखों मुकदमों का निस्तारण आपसी रजामंदी के जरिए हो रहा है, जो अपने आप में एक बड़ा सकारात्मक कदम है।”

इसके अलावा, उन्होंने महाराष्ट्र के कोल्हापुर में मुंबई हाई कोर्ट की एक बेंच बनाए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भी अगर ऐसा कदम उठाया जाता है तो यह एक सकारात्मक प्रयास होगा, लेकिन फिलहाल इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है।

सुप्रीम कोर्ट के करीब 20 न्यायाधीश परिवार संग मना रहे छुट्टी

इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संदीप मेहता और विजय विश्नोई भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई सहित करीब 20 न्यायाधीश अपने परिवारों के साथ 12 से 14 सितंबर तक सवाई माधोपुर के तीन दिवसीय निजी दौरे पर हैं।

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