क्या है पूरा मामला
एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर जयपुर नगर तृतीय इकाई ने मंगलवार को ट्रैप कार्रवाई की। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि शांतिलाल सोनी और उदयपुर स्थित SIU-Against Women के एडीशनल एसपी हितेश मेहता मिलकर पहले ₹3 लाख और बाद में बढ़ाकर ₹3.50 लाख की मांग कर रहे थे।
रंगे हाथ दबोचा गया
एसीबी की ट्रैप टीम ने योजना बनाकर कार्रवाई की और शांतिलाल सोनी को ₹3.50 लाख लेते हुए पकड़ लिया। गिरफ्तार आरोपी से रासायनिक परीक्षण और अन्य औपचारिकताएं पूरी कर पूछताछ जारी है।
एडीशनल एसपी की भूमिका पर अलग से जांच
एसीबी की कार्यवाहक महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव ने पुष्टि की कि प्रारंभिक जांच में यह रकम एडीशनल एसपी हितेश मेहता के लिए ली जा रही थी। इसी आधार पर अधिकारी की भूमिका संदिग्ध मानते हुए अलग से अनुसंधान कराया जा रहा है।
ACB का आधिकारिक बयान
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) ने बताया कि शिकायत के सत्यापन के दौरान मांग की रकम बढ़ी पाई गई। प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
मुख्य बिंदु
- बीएमडब्ल्यू कार की बकाया राशि निकलवाने और कोर्ट केस प्रभावित करने के नाम पर रिश्वत की मांग।
- चित्तौड़गढ़ के शांतिलाल सोनी को ₹3.50 लाख लेते रंगे हाथ गिरफ्तार।
- उदयपुर के एडीशनल एसपी हितेश मेहता की भूमिका संदिग्ध; अलग से जांच शुरू।
- एसीबी जयपुर नगर तृतीय इकाई की ट्रैप कार्रवाई; मुकदमा दर्ज।