स्वास्थ्य संकट की ओर बढ़ रहा देश! गहलोत ने चेताया- ‘हार्ट अटैक के बढ़ते मामले सरकार की नाकामी का नतीजा’

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Ashok Gehlot

Ashok Gehlot: देशभर में अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौतों के बढ़ते मामलों पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि “अगर इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो दिल की बीमारी महामारी का रूप ले सकती है।”

गहलोत ने दावा किया कि उनकी सरकार ने 2023 के बजट में RUHS (राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज) में “सेंटर फॉर पोस्ट कोविड रिहैबिलिटेशन” खोलने की घोषणा की थी, ताकि कोविड के बाद के स्वास्थ्य प्रभावों पर शोध किया जा सके। (Ashok Gehlot)लेकिन मौजूदा सरकार ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार दोनों से आग्रह किया कि इस विषय पर गहन शोध कर जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाए जाएं।


मैच खेलते-खेलते थम गई धड़कन

राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र और वुशु खिलाड़ी मोहित शर्मा की इंटर-यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता के दौरान रिंग में ही मौत हो गई। जयपुर का 21 वर्षीय मोहित चंडीगढ़ में चल रही प्रतियोगिता में हिस्सा लेने गया था, जहां मुकाबले के दौरान वह अचानक मैट पर गिर पड़ा।

मोहित का पहला राउंड शानदार रहा था, जिसमें उसने जीत दर्ज की। लेकिन जब वह दूसरे राउंड में मुकाबले के लिए आया, तो अचानक रिंग में गिर गया। पहले तो रेफरी और खिलाड़ी समझ नहीं पाए कि क्या हुआ, लेकिन जब वह नहीं उठा, तो मेडिकल टीम को बुलाया गया। तुरंत उसे मोहाली के सिविल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


अचानक हो रही मौतों पर गहलोत ने जताई गहरी चिंता

गहलोत ने कहा कि हाल के वर्षों में बैठे-बैठे, चलते-चलते और खेलते-खेलते युवाओं के अचानक गिरने और मरने की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि पोस्ट-कोविड प्रभावों पर गहन रिसर्च की जरूरत है, ताकि इन मामलों की असली वजह सामने आ सके। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि तुरंत इस दिशा में कार्रवाई हो और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों से युवाओं को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।


खेलों में अचानक मौतें क्यों बढ़ रही हैं? विशेषज्ञों की राय

  1. कोविड के बाद बढ़ा खतरा: विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड संक्रमण के बाद कई लोगों में दिल की धमनियों में सूजन की समस्या देखी गई है, जिससे अचानक कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ गया है।
  2. बढ़ता स्ट्रेस और असंतुलित जीवनशैली: अत्यधिक प्रतिस्पर्धा, मानसिक तनाव और गलत खान-पान भी हृदय संबंधी बीमारियों को बढ़ा रहे हैं।
  3. अत्यधिक वर्कआउट और थकान: कई बार अधिक व्यायाम और थकान भी दिल पर ज्यादा दबाव डाल सकती है, जिससे अचानक हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।

सरकार को क्या करना चाहिए?

गहलोत की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द मेडिकल रिसर्च कराए और युवा हृदय रोगों से बचाव के लिए जागरूकता अभियान शुरू करे। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या भविष्य में एक गंभीर महामारी का रूप ले सकती है।

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