अहमदाबाद विमान हादसा: 241 मौतों के बाद ब्लैक बॉक्स की तलाश तेज़, जानिए क्यों है यह इतना अहम

Black Box Investigation

Black Box Investigation: गुरुवार को अहमदाबाद में हुए Air India Boeing 787-8 Dreamliner विमान हादसे में 241 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि एक व्यक्ति चमत्कारिक रूप से जीवित बचा है। अब जांच एजेंसियों की नजर ब्लैक बॉक्स पर है, जो इस हादसे की ( Black Box Investigation)असली वजह सामने लाने में सबसे बड़ी कड़ी साबित होगा।

ब्लैक बॉक्स: हर विमान हादसे के पीछे छिपे सच की चाबी

ब्लैक बॉक्स असल में एक नहीं, बल्कि दो रिकॉर्डिंग डिवाइस का संयोजन होता है – Cockpit Voice Recorder (CVR) और Flight Data Recorder (FDR)। ये दोनों मिलकर न सिर्फ तकनीकी डेटा बल्कि पायलटों की बातचीत और घटनाक्रम की ऑडियो भी रिकॉर्ड करते हैं।

Cockpit Voice Recorder (CVR) क्या करता है?

  • पायलटों की बातचीत रिकॉर्ड करता है
  • चेतावनी अलार्म और इंजन की आवाज़ें कैद करता है
  • एटीसी (Air Traffic Control) से बातचीत सुरक्षित रखता है

Flight Data Recorder (FDR) कैसे काम करता है?

  • 1,000+ तकनीकी पैरामीटर्स रिकॉर्ड करता है
  • उड़ान की ऊंचाई, गति, दिशा, विंग्स की स्थिति ट्रैक करता है
  • इंजन के प्रदर्शन और अन्य यांत्रिक पहलुओं को लॉग करता है

‘ब्लैक बॉक्स’ असल में होता है नारंगी

हालांकि नाम ‘ब्लैक बॉक्स’ है, लेकिन यह वास्तव में नारंगी रंग का होता है ताकि मलबे में आसानी से देखा जा सके। यह स्टेनलेस स्टील या टाइटेनियम से बना होता है और बेहद कठिन परिस्थितियों को भी झेल सकता है:

  • 1,100°C तक की आग को 1 घंटे तक सहने की क्षमता
  • 14,000 फीट पानी के नीचे दबाव सह सकता है
  • तेज़ टक्कर के प्रभाव को झेलने में सक्षम

ब्लैक बॉक्स के आविष्कारक: डेविड वॉरेन

ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक डेविड वॉरेन ने 1953 में ब्लैक बॉक्स का पहला विचार पेश किया था। उनके पिता की 1934 के एक विमान हादसे में मृत्यु हो गई थी, जिसने उन्हें यह महत्वपूर्ण यंत्र विकसित करने के लिए प्रेरित किया।

भारत की जांच क्षमता और ब्लैक बॉक्स विश्लेषण

भारत सरकार ने हाल ही में दिल्ली में एक आधुनिक ब्लैक बॉक्स विश्लेषण लैब स्थापित की है, जहां से Flight Data Recorder और Cockpit Voice Recorder का डेटा निकाला जा सकता है। इस जांच की निगरानी AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) करता है।

अहमदाबाद हादसे में ब्लैक बॉक्स क्यों है निर्णायक?

  • विमान ने सिर्फ 825 फीट की ऊंचाई पर पहुंचते ही ‘MAYDAY’ कॉल दी
  • कुछ ही सेकंड में अस्पताल के पास क्रैश होकर आग का गोला बना
  • हादसे की असल वजह – तकनीकी गड़बड़ी, मानव त्रुटि या बाहरी हमला?

इन सभी सवालों के जवाब ब्लैक बॉक्स के डेटा से ही मिल सकते हैं।

ब्लैक बॉक्स जांच में कितना समय लगता है?

  • 24-48 घंटे में शुरुआती निष्कर्ष
  • 2-3 हफ्ते में पूरी जांच और विश्लेषण
  • अंतिम रिपोर्ट DGCA और AAIB द्वारा प्रकाशित की जाएगी

ब्लैक बॉक्स की जांच के परिणाम इस भीषण हादसे के पीछे छिपे हर सच को सामने लाने में निर्णायक साबित होंगे।

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