Air India Crash: अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दर्दनाक हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई और केवल एक व्यक्ति जीवित बचा। शुरुआती जांच में चार संभावित तकनीकी कारण सामने आए हैं जो इस Boeing 787-8 Dreamliner क्रैश का कारण बन सकते हैं।
1. सिंगल इंजन फेलियर और लैंडिंग गियर ना उठाना
शुरुआती जांच में संदेह है कि टेकऑफ के तुरंत बाद एक इंजन फेल हो गया या बर्ड हिट हुई। इससे पायलटों पर अचानक वर्कलोड बढ़ गया और संभव है कि वे लैंडिंग गियर उठाना भूल गए हों। इससे विमान पर ड्रैग बढ़ गया और वह पर्याप्त ऊंचाई नहीं पकड़ सका। ऐसी स्थिति में अगर स्पीड न्यूनतम स्तर से नीचे चली जाए तो स्टॉल हो सकता है – और केवल 400 फीट की ऊंचाई पर इससे उबरना लगभग नामुमकिन होता है।
2. दुर्लभ स्थिति: ड्यूल इंजन फेलियर
एक अन्य थ्योरी यह बताती है कि शायद दोनों इंजन एक साथ बंद हो गए। ऐसे में विमान बिना थ्रस्ट के एक भारी ग्लाइडर की तरह बन गया। लैंडिंग गियर नहीं उठने से स्पीड और घट गई और विमान स्टॉल कर गया। इतनी कम ऊंचाई पर इंजन रीस्टार्ट या इमरजेंसी चेकलिस्ट रन करना संभव नहीं होता।
3. फ्लैप्स की गलत पोजीशन
वीडियो फुटेज के अनुसार टेकऑफ के समय फ्लैप्स रिट्रैक्टेड थे, जबकि टेकऑफ के दौरान फ्लैप्स को ओपन रखना जरूरी होता है ताकि कम स्पीड पर भी पर्याप्त लिफ्ट मिले। इंजन फेलियर के दौरान अगर पायलट ने फ्लैप्स बंद कर दिए, तो लिफ्ट कम हो गई और विमान ने तेजी से ऊंचाई खो दी।
4. सही इंजन को गलती से शटडाउन करना
एविएशन इतिहास में ऐसे हादसे पहले भी हो चुके हैं, जहां एक इंजन फेल होने पर पायलटों ने गलती से दूसरा, सही चल रहा इंजन भी बंद कर दिया। इससे थ्रस्ट पूरी तरह खत्म हो जाता है और 400 फीट की ऊंचाई पर विमान को कंट्रोल करना असंभव हो जाता है।
Dreamliner में लगातार आ रही थीं तकनीकी समस्याएं
DGCA ने स्पष्ट किया है कि पिछले 15 दिनों में Boeing Dreamliner विमानों में लगातार तकनीकी खामियां सामने आई हैं। अब इन सभी मामलों की समीक्षा और रिपोर्टिंग अनिवार्य की गई है। जब तक मेंटेनेंस पूरा नहीं होता, विमानों को संचालन में नहीं लाया जाएगा।