Parliament Winter Session 2025: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर 2025 से 19 दिसंबर 2025 तक चलेगा — और राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने इसके लिए सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रिजिजू ने यह जानकारी ( Parliament Winter Session 2025)अपनी X (पूर्व Twitter) पोस्ट के माध्यम से दी।
रिजिजू का संदेश
किरेन रिजिजू ने कहा: “भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने 1 दिसंबर 2025 से 19 दिसंबर 2025 तक संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित करने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन)। एक रचनात्मक और सार्थक सत्र की आशा है जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करे और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करे।” — यह घोषणा विभिन्न मीडिया समाचार एजेंसियों द्वारा रिपोर्ट की गई है।
कौन से मुद्दे गरमा सकते हैं?
संसदीय सत्र के दौरान विपक्ष सशक्त रूप से सरकार को SIR (Special Intensive Revision) फेज़—2 और कथित वोट चोरी के मुद्दों पर घेरने की कोशिश कर सकता है। इसके अलावा हरियाणा और महाराष्ट्र में उठ रहे चुनाव-सम्बंधी दावों और विदेश नीति संबंधी मामलों पर भी तीखी बहस होने की संभावना जताई जा रही है।
मानसून सत्र की परछाईं
इस साल का मानसून सत्र (21 जुलाई — 21 अगस्त) विवादों और व्यवधानों से भरा रहा; 32 निर्धारित दिनों में से दोनों सदन कुल मिलाकर सीमित दिनों के लिए ही चल सके। मानसून सत्र में पारित बिलों, बैठकों की वास्तविक समय-व्यवहार्यता और सदनों की उत्पादकता पर चिंता उठी थी — इसलिए इस बार भी सत्र की उत्पादकता पर निगाहें बनी रहेंगी।
- मानसून सत्र: 21 जुलाई — 21 अगस्त; केवल 21 दिनों के समान सक्रियता दर्ज हुई।
- लोकसभा में 14 बिल पेश, 12 पास; राज्यसभा से कुल 15 बिल पारित/वापस किए गए।
- संसदीय उत्पादकता: लोकसभा ~31%, राज्यसभा ~39% (अनुमानित आँकड़े / रिपोर्टिंग के आधार पर)।
क्या अपेक्षित है — प्रक्रियात्मक बातें
सरकार ने नोट किया है कि सत्र की तारीखें संसदीय आवश्यकताओं के अधीन हैं — इसलिए एजेंडा और बिलों का क्रम (list of business) बदला जा सकता है। विपक्षी दलों के मुद्दों और सरकार की प्राथमिकताओं के बीच बातचीत व रणनीति सत्र के स्वरूप को निर्धारित करेगी। :contentReference[oaicite:5]{index=5}


































































